धनबाद/पूर्वी टुंडी: एक क्लिक में जमीन संबंधी भू-अभिलेखों की जानकारी प्राप्त करने के उद्देश्य से सरकार सभी अंचलों में ऑन लाइन भू-अभिलेख अपलोड कर रही है. लेकिन ऑन लाइन के दौरान गलत नाम, रकबा, खाता नंबर, प्लॉट नंबर चढ़ जाने से यह वरदान की बजाय अभिशाप साबित हो रहा है.
हालांकि सरकार की ओर से सभी अंचलों में प्रत्येक माह की एक से 10 तारीख तक गड़बड़ी में सुधार के लिए कैंप लगाया जा रहा है. लेकिन पूर्वी टुंडी अंचल के कामकाज से इन दिनों यहां के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यहां न खतियान में सुधार किया जा रहा है, न समय पर लोगों का काम हो रहा है.
केस स्टडी-एक
लटानी पंचायत के हलकट्टा निवासी रामकिष्टो ने बताया मेरे भाई विजय कुमार ने खाता संख्या 75 से संबंधित विभिन्न प्लॉटों को पंजी-टू में दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया. इसके लिए अंचल के किसी कर्मी ने दो बार लेन-देन भी किया. लेकिन अभी तक काम नहीं हुआ. विजय बताते हैं कि हर दिन अंचल का चक्कर लगवाया जा रहा है.
केस स्टडी-दो
मैरानवाटांड़ निवासी रुद्र नारायण दे कहते हैं कि मौजा संख्या 270, हाल खाता 522 में दर्ज विमला मइरानी के खतियान में दर्ज पति की जगह पिता करने के लिए चार माह पूर्व मैरानवाटांड़ कैंप में आवेदन दिया था. इसकी मौखिक सूचना सीओ को दी, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पाया. सिर्फ लगान रसीद में सुधार किया गया है.
केस स्टडी-तीन
मैरानवाटांड़ निवासी मंटू दे ने तीन डिसमिल जमीन के म्यूटेशन के लिए 16 मार्च 2017 को आवेदन दिया था. छह माह बीत जाने के बाद भी काम नहीं हुआ. सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत 23 सितंबर को जानकारी मांगी गयी, लेकिन अभी तक इसका कोई जवाब नहीं मिला.
सभी प्रखंडों में चल रहा सुधार का काम
गड़बड़ी के बाद सरकार के आदेश पर जिले के सभी प्रखंडों में सुधार का काम चल रहा है. धनबाद, गोविंदपुर, बाघमारा, बलियापुर, तोपचांची, टुंडी, पूर्वी टुंडी, निरसा आदि प्रखंडों में प्रत्येक माह की एक से दस तारीख के बीच सुधार का काम किया जा रहा है. इस दौरान अंचल को पासवर्ड दिया जाता है. इसके बाद साइट का पासवर्ड रांची से बंद कर दिया जाता है. फिर अगले माह की एक से दस तारीख के बीच पासवर्ड दिया जाता है.
60 प्रतिशत लोगों के चढ़ गये गलत रिकार्ड
सूत्रों की मानें को ऑन लाइन रिकार्ड अपलोड के समय अंचलों के कर्मियों से काफी त्रुटियां हुई. कर्मी से नाम, रकबा, खाता संख्या, प्लॉट नंबर आदि रिकार्ड गलत चढ़ गये. अब सहूलियत की जगह यह व्यवस्था रैयतों के लिए आफत बन गयी. हर दिन रैयत अंचलों के चक्कर लगा रहे हैं. अंचलों में हर माह सुधार के लिए एक सौ से अधिक आवेदन आ रहे हैं.
क्या कहती हैं पूर्वी टुंडी सीओ
सीओ जेसी विनिता केरकेट्टा का कहना है कि जमीन के कागजों में भूल-सुधार का काम चल रहा है. खतियान में सुधार करने का कार्य मेरे क्षेत्राधिकार से बाहर है. पंजी-टू में भूल सुधार हो सकता है. पूर्वी टुंडी में नेट धीमा होने के कारण ऑनलाइन म्यूटेशन के कार्य में भी कभी-कभी तकनीकी खामियां आती है. जानबूझ कर काम में देरी नहीं होती है. कोई कर्मी किसी तरह से किसी से पैसे की मांग करता है, तो इसकी शिकायत करें.