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स्पेशल फीमेल-वीआरएस : आश्रितों के नियोजन में कलर ब्लाइंडनेस बाधक नहीं
धनबाद: महिला कामगारों के आश्रित अब कलर ब्लाइंडनेस के कारण नियोजन से वंचित नहीं रहेंगे. पिछले दिनों हुई शीर्ष समिति (एपेक्स) की बैठक में यह मामला लगभग सलट गया है. सर्कुलर जल्द ही जारी होने की उम्मीद है. इससे बीसीसीएल व कोल इंडिया की सभी सहायक कंपनियों में स्पेशल फीमेल-वीआरएस के तहत कलर ब्लाइंडनेस के […]
धनबाद: महिला कामगारों के आश्रित अब कलर ब्लाइंडनेस के कारण नियोजन से वंचित नहीं रहेंगे. पिछले दिनों हुई शीर्ष समिति (एपेक्स) की बैठक में यह मामला लगभग सलट गया है. सर्कुलर जल्द ही जारी होने की उम्मीद है. इससे बीसीसीएल व कोल इंडिया की सभी सहायक कंपनियों में स्पेशल फीमेल-वीआरएस के तहत कलर ब्लाइंडनेस के कारण नियोजन से वंचित आश्रित जल्द नियोजित हो पायेंगे. सनद रहे कि कोल इंडिया में सरप्लस मैनपावर में कमी करने को लेकर प्रबंधन लगातार प्रयासरत है, इसलिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाये जा रहे हैं. इसी कड़ी में महिला कामगारों को वीआरएस देकर आश्रितों को नौकरी नहीं देने की मंशा प्रबंधन ने बना ली थी, पर विरोध की वजह से उन्हें सफलता नहीं मिल सकी.
क्या है मामला : बीसीसीएल सहित कोल इंडिया की सभी सहायक कंपनी में कार्यरत महिला कर्मचारियों के लिए दो वर्ष पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (स्पेशल फीमेल वीआरएस) लागू की गयी थी. इस योजना के तहत वीआरएस लेने पर महिला कर्मियों के आश्रितों को नियोजन देने का प्रावधान था. कई महिला कर्मियों ने अपने पुत्र को नौकरी देने के लिए वीआरएस का आवेदन किया. कागजी जांच पड़ताल के पश्चात प्रबंधन ने उनकी वीआरएस को स्वीकृत भी कर दिया, परंतु जब आश्रित पुत्र को नियोजन देने की प्रक्रिया शुरू हुई, तो मेडिकल जांच के दौरान कलर ब्लाइंडनेस बता कर प्रबंधन ने कई आश्रितों को नियोजन देने से इनकार कर दिया. ऐसे में महिला कर्मचारियों की नौकरी भी छिन गयी और पुत्र को नियोजन भी नहीं मिल सका.
कलर ब्लाइंडनेस के 18 मामले बीसीसीएल में लंबित
कोल इंडिया व उसकी सहायक कंपनियों में करीब 12 दर्जनों से अधिक नियोजन के मामले कलर ब्लाइंडनेस के कारण लंबित हैं. इनमें बीसीसीएल के 18 मामले शामिल हैं. आधिकारिक सूत्रों की माने तो सभी मामलों का विधिक परीक्षण भी पूरा हो गया है. बिलासपुर में 19 दिसंबर को आयोजित स्पेशल फीमेल वीआरएस सब कमेटी की बैठक के बाद अधिसूचना कोल इंडिया प्रबंधन जारी कर सकता है.
एपेक्स कमेटी में लगी मुहर
पिछले दिनों दिल्ली में हुई शीर्ष समिति (एपेक्स कमेटी) की बैठक में महिला वीआरएस के बाद, कलर ब्लाइंडनेस के नाम पर नियोजन से वंचित आश्रितों को नियोजन देने के प्रस्ताव पर गंभीरता से चर्चा की गयी. यूनियन प्रतिनिधियों ने प्रबंधन पर दबाव बनाते हुए इसे तत्काल लागू करने की मांग की. इस पर कोल इंडिया प्रबंधन ने आश्वस्त किया कि इस संबंध में जल्द ही सर्कुलर जारी कर दिया जायेगा.
यूनियनों का विरोध लगातार रहा जारी : नियोजन से वंचित महिला कर्मचारियों के साथ-साथ यूनियन प्रतिनिधियों ने भी प्रबंधन के इस रवैये का लगातार विरोध जारी रखा और प्रबंधन के समक्ष सभी आश्रितों को नियोजन देने का प्रस्ताव रखा. इस आलोक में गठित कमेटी ने भी महिला कर्मियों के आश्रितों को नौकरी देने की अनुशंसा की थी, बावजूद कोल इंडिया मुख्यालय से सर्कुलर जारी नहीं होने के कारण आजतक आश्रित नियोजन से वंचित हैं.
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