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लीव-इनकैशमेंट से रोक हटी
धनबाद: कोल अधिकारियों व कर्मचारियों के लीव-इनकैशमेंट के भुगतान पर लगी रोक हटा ली गयी है. अब पूर्व की तरह ही लीव-इनकैशमेंट का भुगतान किया जायेगा. इस आलोक में डिपार्टमेंट ऑफ हैवी इंडस्ट्रीज सह सरकार के अंडर सेक्रेटरी दिनेश पाल सिंह के हस्ताक्षर से अधिसूचना जारी कर दी गयी है. इसके पहले सरकार के अंडर […]
धनबाद: कोल अधिकारियों व कर्मचारियों के लीव-इनकैशमेंट के भुगतान पर लगी रोक हटा ली गयी है. अब पूर्व की तरह ही लीव-इनकैशमेंट का भुगतान किया जायेगा. इस आलोक में डिपार्टमेंट ऑफ हैवी इंडस्ट्रीज सह सरकार के अंडर सेक्रेटरी दिनेश पाल सिंह के हस्ताक्षर से अधिसूचना जारी कर दी गयी है. इसके पहले सरकार के अंडर सेक्रेटरी श्री सिंह ने 24 नवंबर को अधिसूचना जारी करते हुए सभी पीयूसी के सीएमडी को अधिकारियों व कर्मचारियों के रेगुलर लीव-इनकैशमेंट भुगतान पर रोक लगाने का निर्देश दिया था. इस पर भेल कंपनी प्रबंधन ने लीव-इनकैशमेंट पर रोक लगा दी थी. जिसके पश्चात वहां के कर्मी तेलंगाना हाइकोर्ट चले गये. मामले पर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने स्टे लगा दिया. कोर्ट के आदेश के आलोक में भी सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा.
अधिकारियों में खुशी की लहर : कोल माइंस ऑफिसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया बीसीसीएल शाखा के अध्यक्ष अनिरुद्ध पांडेय ने कहा कि न्यायालय के सामने सरकार को पस्त होना पड़ा. अधिकारियों में खुशी की लहर है. न्यायालय पर अधिकारियों को पूरा भरोसा है.
यह मिलता है लाभ : वर्तमान में कोल इंडिया के अधिकारी साल में 60 दिन रेगुलर लीव-इनकैशमेंट का लाभ लेते है, जबकि कर्मचारियों को साल में 15 दिन लीव-इनकैशमेंट का लाभ मिलता है. सेवानिवृत्ति पर अधिकारियों को पहले 450 दिन या अनलिमिटेड लीव-इनकैशमेंट का लाभ मिलता था, जिसे कम कर 300 दिन कर दिया गया है, जबकि कर्मचारियों को सेवानिवृत्त पर 140 दिन व बायलेंस का भुगतान होता है.
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