हवाई अड्डा व डीसी लाइन को लेकर कुछ ने आंदोलन तो किया, लेकिन उसके बाद चेंबर की गतिविधि पूरी तरह ठप है. बलियापुर में हल चलाने की बात थी, लेकिन यह सिर्फ घोषणा तक ही सीमित रह गयी. हालांकि कुछ चेंबर ऐसे भी हैं जो कागजी शेर बनने का एक भी मौका छोड़ना नहीं चाहते.
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कागज पर चल रहे जिले के कई चेंबर
धनबाद: जिले के कई चेंबर कागज पर चल रहे हैं. कहने को तो जिले में 55 चेंबर हैं, लेकिन सक्रियता मात्र आठ-दस चेंबर की ही दिखती है. कुछ चेंबर तो डेड हो चुके हैं तो कुछ का टर्म पूरा होने के बाद भी चुनाव नहीं हो रहा है. स्थिति यह है कि जिस उद्देश्य के […]
धनबाद: जिले के कई चेंबर कागज पर चल रहे हैं. कहने को तो जिले में 55 चेंबर हैं, लेकिन सक्रियता मात्र आठ-दस चेंबर की ही दिखती है. कुछ चेंबर तो डेड हो चुके हैं तो कुछ का टर्म पूरा होने के बाद भी चुनाव नहीं हो रहा है. स्थिति यह है कि जिस उद्देश्य के लिए चेंबर का गठन किया गया,उसका लाभ व्यवसायियों को नहीं मिल रहा है. इन दिनों सिक्कों की अधिकता की मार से व्यवसायी जूझ रहे हैं, लेकिन चेंबर की ओर से आंदोलन की पहल नहीं की जा रही है.
टर्म पूरा, नहीं हो रहा चुनाव, उठ रहे सवाल
जिले के कई चेंबरों का टर्म पूरा हो गया है, बावजूद चुनाव नहीं हो रहा है. शहर के प्रमुख चेंबरों में एक पुराना बाजार चेंबर का भी टर्म मार्च 2017 को पूरा हो गया है. लुबी सर्कुलर रोड चेंबर, केंदुआ चेंबर, गोविंदपुर चेंबर, सिंदरी चेंबर, धनबाद इलेक्ट्रिक ट्रेड एसोसिएशन की भी यही स्थिति हैं.
जो चेंबर डेड हैं
महुदा, तोपचांची, बरमसिया, भूली मोड़, वासेपुर व रहमतगंज चेंबर
जिला चेंबर का प्रतिनिधिमंडल अगले तीन माह तक प्रत्येक चेंबर में विजिट करेगा. जो चेंबर निष्क्रिय हैं, उन्हें सक्रिय करेगा. वैसे चेंबर जिनका टर्म पूरा हो गया है, उन्हें चुनाव कराने के लिए नोटिस भेजा जायेगा.
राजेश गुप्ता, अध्यक्ष जिला चेंबर
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