रामप्रसाद दसौंधी चार बजे सुबह उठ जाते हैं. नित्य-क्रिया के बाद अपने घर की पूरी सफाई करते हैं. इसके बाद वे मुहल्ले के सड़क से मुख्य सड़क तक आते-आते मुहल्ले के सड़क तथा शिवमंदिर प्रांगण की सफाई भी करते हैं. अंत में वह भटमूुड़ना मोड़ की सड़क के किनारे-किनारे झाड़ू लगाते हैं. दिनचर्या 4 साढ़े चार बजे से पौने सात बजे तक चलती है.
वह बस की एजेंटी का काम करते हैं. गुजरने वाली बसों में सवारी बैठाना उनका मुख्य पेशा है. वह आरएसपी कॉलेज से स्नातक हैं. उनकी नौकरी पहले बीसीसीएल मे हुई थी, लेकिन उन्होने नौकरी नहीं की. श्री दसौंधी का कहना है कि साफ-सफाई रहने से बीमारी नहीं होती. इस तरह का काम करने के कारण ही वह स्वस्थ हैं. कहा कि कभी-कभी रिश्तेदारों के यहां जाते हैं, लेकिन शाम तक घर वापस आ जाते हैं ताकि सुबह साफ-सफाई कर सके. सरकार के अभियान पर वह बोलते हैं कोई भी सरकार पूरा साफ नहीं कर सकती है, यदि हम में आप में सफाई की भावना नहीं आये तो अभियान बेकार साबित होता है.