बस्ताकोला: धनसार विश्वकर्मा परियोजना सीएचपी में कार्यरत कर्मी मुकुटधारी केवट (51) की मौत के बाद उसके आश्रित को नियोजन देने की मांग को लेकर शनिवार को मजदूरों ने संयुक्त मोर्चा के बैनर तले परियोजना का चार घंटे तक काम ठप रखा. बाद में प्रबंधन द्वारा सकारात्मक वार्ता के बाद काम शुरू हुआ. बताते चलें कि शुक्रवार को ड्यूटी के दौरान कर्मी की तबीयत बिगड़ने के बाद उसे सेंट्रल अस्पताल धनबाद में इलाज के लिए भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी.
सूचना पाकर मृतक के परिजन अपने पैतृक गांव इलाहाबाद भदई से पहुंचे. मृतक का पोस्टमार्टम होने के बाद शनिवार को शव सीएचपी कार्यालय लाया गया. वहां शव रख मृतक के आश्रित को नियोजन देने की मांग करने लगे. इसी बीच प्रबंधन की ओर से मृतक की सर्विस रिकार्ड में त्रुटि होने की बात कहने पर कर्मी आक्रोशित हो गये. विरोध में परियोजना का चार घंटे तक काम ठप कर दिया. उसके बाद परियोजना प्रबंधक संजय चौधरी ने संयुक्त मोर्चा के नेताओं के साथ तीन चरण में वार्ता की.
वार्ता में मृतक के बड़े पुत्र अजय कुमार(19) को प्रोविजनल नियोजन व दाह संस्कार के लिए 50 हजार रुपये देने पर सहमति बनी. मौके पर जमसं(कुंती) गुट के अवधेश सिंह, अरविंद सिंह, बीसीकेयू के अशोक राम, रतन घोष, नंदलाल महतो, जमसं(बच्चा) गुट के कुंवर सिंह, बबलू सिंह, बीएमएस के भोला पासवान, रंजीत पासवान, जेपी सिंह, ललन साव, भोला राम आदि थे. वहीं मृतक की पत्नी सूरजा देवी, पुत्र अजय कुमार, राजू कुमार, आकाश कुमार आदि परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था.
नियोजन को ले नेताओं के दो गुट आमने-सामने : आश्रित को नियोजन दिलाने के लिए कागजी कार्रवाई चल रही थी. तभी यूनियन नेताओं का दो गुटों में जम कर तूतू, मैंमैं हो गयी. दोनों गुट एक दूसरे पर प्रबंधन की दलाली करने का आरोप लगाने लगे. बाद में सीएचपी के कर्मियों ने दोनों गुटों के नेताओं को समझा बुझा कर मामला शांत कराया.