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आइआइटी आइएसएम: ”टेड एक्स-2017” कार्यक्रम में बोले पद्मश्री रबी नारायण बस्तिया बिना एक्शन कोई मिशन पूरा नहीं हो सकता

धनबाद: कुछ करने से पहले ही उसके बारे में अनुमान नहीं लगा लेना चाहिए. बिना एक्शन के कोई मिशन पूरा नहीं हो सकता है. कुछ पाने के लिए हमेशा आगे बढ़ते रहने का प्रयास करना चाहिए. ये बातें जियो साइंटिस्ट पद्मश्री रबी नारायण बस्तिया ने कही. वे रविवार को आइआइटी आइएसएम के पेनमेन ऑडिटोरियम में […]

धनबाद: कुछ करने से पहले ही उसके बारे में अनुमान नहीं लगा लेना चाहिए. बिना एक्शन के कोई मिशन पूरा नहीं हो सकता है. कुछ पाने के लिए हमेशा आगे बढ़ते रहने का प्रयास करना चाहिए. ये बातें जियो साइंटिस्ट पद्मश्री रबी नारायण बस्तिया ने कही. वे रविवार को आइआइटी आइएसएम के पेनमेन ऑडिटोरियम में आयोजित टेड एक्स-2017 में बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे.

आगे उन्होंने कहा कि संभावनाएं हमारे आसपास हैं, लेकिन उसे केवल क्रिएटिव माइंस ही पहचान सकते हैं. अपने सपने के लिए वर्ष 1996 में मैंने ओएनजीसी छोड़ कर रिलायंस में योगदान दिया था. उन्होंने कहा कि सोच अगर पारदर्शी हो तो छुपी हुई चीजें भी सामने आ जायेंगी. उन्होंने कृष्णा गोदावरी बेसिन में तेल एवं प्राकृतिक गैस की खोज की, जो देश का दूसरा सबसे बड़ा तेल क्षेत्र है.

क्या है कार्यक्रम का उद्देश्य
कार्यक्रम का उद्देश्य नये आइडिया को प्रोमोट करना था, ताकि नये आइडिया निकल कर सामने आये, जो छोटी-मोटी जगहों से भी आ सकता है. टीइडी (टेड) का मतलब टेक्नोलॉजी, इंटरटेनमेंट एवं डिजाइन है. यह विश्वविद्यालयों को आइडिया को प्रोमोट करने के लिए लाइसेंस देती है, जिसका मुख्यालय कैलिफोर्निया(अमेरिका) में है.
प्रस्तुति से किया मंत्रमुग्ध : कार्यक्रम में देर शाम सचिन पटवर्धन ने क्लासिकल प्रस्तुति देकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया. वहीं सूफी रॉक की प्रस्तुति स्थानीय बैंड गूंज ट्रिप्ट ने दी. कार्यक्रम की शुरुआत में स्टूडेंट्स की संस्था कर्तव्य के स्टूडेंट्स ने राष्ट्रगान प्रस्तुत किया.
अभिषेक सागर
तकनीकी पृष्ठभूमि से जुड़े अभिषेक उद्यमिता के व्यावहारिक पहलू पर प्रकाश डाला. उन्होंने अच्छी खासी नौकरी छोड़ कर स्क्रेच से शुरू करते हुए गरीब व कमजोर छात्रों के लिए textbook.com का एक ऑनलाइन मंच तैयार किया.
मोहित
स्क्रिबल्ड स्टोरीज नाम से प्लेटफॉर्म तैयार किया और 18 साल की उम्र में उसके एक लाख 80 हजार फॉलोवर्स बनाया. बताया कि जुनून व जज्बा से लैस होने पर कैसे काम से प्यार हो जाता है. उन्होंने बताया कि छोटी-छोटी लोककथाएं कैसे जीवन के बड़े आशय को खोलती हैं.
जिशान कादरी
लेखक, निर्देशक तथा गैंग्स ऑफ वासेपुर के निर्माता बनने तक की अपनी यात्रा का विवरण दिया. बताया कि जीवन कैसे सुनियोजित होता है और उसमें आपके विश्वास प्रतिफल्लित होने लगते हैं.
सचिन पटवर्द्धन
इस दौर के बहुत प्रशंसित संगीतकार तथा तानसेन कहे जाने वाले सचिन ने अपना जीवन संगीत को अर्पित कर दिया. नाखून के ऐसे संक्रमण से पीड़ित थे कि उन्हें सरोद बजाना मुश्किल हो गया. इसे छोड़ने के बजाय उन्होंने अपने जुनून को बचाने के लिए स्पैनिश वीणा का निर्माण किया, जो एक इंडो-यूरोपियन वाद्य यंत्र है.
तनिष्ता चटर्जी
पॉप संस्कृति में प्रभाव की भूमिका की व्याख्या करते हुए बताया कि आर्थिक पृष्ठभूमि के आधार पर मनुष्यों का वर्गीकरण कितना बुरा होता है. उनका सामना ऐसे रिक्शावालों से हुआ जो कई मामलों में समृद्ध व कुलीन लोगों से ज्यादा ज्ञानवान थे. अभिनय की पृष्ठभूमि से जुड़ी होने के नाते उन्होंने सिनेमाई संस्कृति को लेकर व्याप्त गलत जनधारनाओं पर प्रकाश डाला. तनिष्ता प्रसिद्ध नेत्री हैं, जो शैडो ऑफ लाइफ, पर्च्ड, लायन एवं ब्रेटली के साथ फिल्म काम कर चुकी हैं. वे कई प्रतिष्ठित राष्ट्रीय अवार्ड से भी सम्मानित हो चुकी हैं.

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