दोपहर का भोजन मिलता है. साइकिल मिलती है. सब कुछ होता है. नहीं होते हैं, तो सिर्फ शिक्षक. और पढ़ाई की व्यवस्था भगवान भरोसे रहती है. ऐसे ही सरकारी स्कूल के छात्र राजू में आज कुछ कर दिखने की चाहत दिखती है, तो इसके पीछे एक बड़ी वजह है टाटा स्टील रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी (टीएसआरडीएस) की ओर से संचालित नि:शुल्क प्री मैट्रिक कोचिंग क्लासेज.
Advertisement
अनुठा प्रयास: ग्रामीण व कोलियरी क्षेत्रों में टीएसआरडीएस की प्री मैट्रिक कोचिंग क्लासेज, ‘हमारे पास भी हैं सपने, खूब पढ़ेंगे, नाम करेंगे’
धनबाद: ‘सर, मेरे पिताजी मजदूरी करते हैं, लेकिन मैं मजदूर नहीं, ऑफिसर बनूंगा.’ यह बोलते वक्त राजू प्रसाद के चेहरे पर गजब का आत्मविश्वास दिखता है. मजदूर पिता की संतान राजू झारखंड सरकार के स्कूल में दसवीं का छात्र है. जी हां, सरकारी स्कूल, जहां कक्षा एक से आठ तक मुफ्त में दाखिला होता है. […]
धनबाद: ‘सर, मेरे पिताजी मजदूरी करते हैं, लेकिन मैं मजदूर नहीं, ऑफिसर बनूंगा.’ यह बोलते वक्त राजू प्रसाद के चेहरे पर गजब का आत्मविश्वास दिखता है. मजदूर पिता की संतान राजू झारखंड सरकार के स्कूल में दसवीं का छात्र है. जी हां, सरकारी स्कूल, जहां कक्षा एक से आठ तक मुफ्त में दाखिला होता है. मुफ्त में स्कूल ड्रेस मिलते हैं. मुफ्त में कॉपी-किताबें मिलती हैं.
40 गांवों के बच्चे लाभान्वित : अर्थाभाव में जो परिवार अपने बच्चों को कॉन्वेंट व बड़े पब्लिक स्कूलों में नहीं भेज सकते और सरकारी स्कूलों में पढ़ाने को मजबूर होते हैं, उनके लिए बच्चों के ट्यूशन की व्यवस्था भी बड़ी चुनौती है. ऐसे परिवार के बच्चों के लिए टीएसआरडीएस के प्री मैट्रिक कोचिंग क्लासेज किसी वरदान से कम नहीं हैं. वर्ष 2012 में टीएसआरडीएस ने कोयलांचल स्थित अपने लीज होल्ड एरिया के लगभग 40 गांवों के बच्चों के लिए प्री मैट्रिक कोचिंग क्लासेज शुरू किया. इन प्री मैट्रिक कोचिंग क्लासेज की मदद से कई बच्चों ने मैट्रिक परीक्षा में अच्छे परिणाम ही नहीं लाये, बल्कि धनबाद जिले में अपना स्थान पक्का किया. यहां से पढ़े दर्जनों बच्चे वर्तमान मेडिकल व इंजीनियरिंग तक की पढ़ाई कर रहे हैं.
दो घंटे चलते हैं कोचिंग क्लास : प्री मैट्रिक क्लास में दो घंटे की पढ़ाई करवायी जाती है. इस समय तीनों विषयों को पढ़ाया जाता है, जबकि इस दौरान यदि किसी बच्चों को अन्य विषय पढ़ना होता है तो उसे भी पढ़ाया जाता है. इसके साथ ही टीएसआरडीएस द्वारा सभी बच्चों को समय-समय पर पाठ्य सामग्री भी उपलब्ध करायी जाती है. कुछ स्कूलों में भी टीएसआरडीएस के प्री मैट्रिक कोचिंग क्लासेज की व्यवस्था है. भौंरा के परसियाबाद स्थित इडेन हाई स्कूल में सप्ताह में छह दिन चार कक्षाओं में ट्यूशन दिये जाते हैं. भौंरा स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में भी ट्यूशन की व्यवस्था करायी गयी है.
बेसिक नॉलेज को स्ट्रांग करना है उद्देश्य : जीएम
टाटा स्टील (कोल) जीएम संजय कुमार सिंह ने बताया कि झरिया कोयलांचल के विभिन्न कोलियरी व ग्रामीण क्षेत्रों में टीएसआरडीएस द्वारा जरूरतमंद बच्चों को प्री मैट्रिक कोचिंग के जरिए उनके बेसिक नॉलेज को स्ट्रांग किया जा रहा है, ताकि एग्जाम में वे बेहतर परफॉर्म कर सकें. इसके परिणाम भी सामने आ रहे हैं. टीएसआरडीएस के कोचिंग सेंटरों से जुड़े स्टूडेंट्स झारखंड बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. वर्तमान में कक्षा छह से लेकर 10वीं तक के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया जा रहा है. कुछ स्थानों पर 12वीं तक के स्टूडेंट्स के लिए ट्यूशन की व्यवस्था भी की गयी है. इसके साथ ही एससी-एसटी स्टूडेंट्स को पोस्ट ग्रेजुएशन तक स्कॉलरशिप दी जा रही है. हमारी कोशिश कोलियरी व ग्रामीण इलाकों के आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाना है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement