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लाइसेंस की जरूरत नहीं, रजिस्ट्रेशन शुल्क मात्र 100 रुपये, छोटे बूचड़खाना के लिए कराना होगा रजिस्ट्रेशन
धनबाद : छोटे बूचड़खाना के संचालकों को लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं होगी. इन्हें केवल रजिस्ट्रेशन ही कराना होगा. फूड सेफ्टी एक्ट रांची की ओर सभी जिलों के एसीएमओ को निर्देश दिया गया है. रही बात एनओसी को लेकर तो लोकल बॉडी से एनओसी करा कर संचालक स्वास्थ्य विभाग के एसीएमओ कार्यालय में जमा कर […]
धनबाद : छोटे बूचड़खाना के संचालकों को लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं होगी. इन्हें केवल रजिस्ट्रेशन ही कराना होगा. फूड सेफ्टी एक्ट रांची की ओर सभी जिलों के एसीएमओ को निर्देश दिया गया है. रही बात एनओसी को लेकर तो लोकल बॉडी से एनओसी करा कर संचालक स्वास्थ्य विभाग के एसीएमओ कार्यालय में जमा कर सकते हैं. एसीएमओ डॉ सी श्रीवास्तव ने बताया कि मुखिया व पार्षद को एनओसी के लिए अधिकार दिये गये हैं. फिलहाल निर्देश का अवलोकन किया जा रहा है.
दस बकरा-भेड़ व 50 मुर्गा काटने वाले को राहत : निर्देशानुसार हर दिन दस बकरा, भेड़ या सुअर काटने वाले और 50 मुर्गा से कम काटने वाले को केवल रजिस्ट्रेशन कराना होगा. हालांकि बूचड़खाने को लेकर निर्देशित गाइड लाइन का संचालकों को पालन करना होगा. खुले या जहां तहां किसी भी परिस्थिति में दुकान नहीं लगा सकेंगे. इससे अधिक छोटे जानवरों को काटने वाले को हालांकि लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा. जो बड़े दुकानदार छोटे बनकर आवेदन करेंगे, उनपर जांच में दोषी पाये जाने पर कार्रवाई भी हो सकती है.
गांव में मुखिया, शहर में पार्षद देंगे एनओसी
स्थानीय लोकल बॉडी एनओसी देंगी. ग्रामीण क्षेत्र में मुखिया दुकानदारों को एनओसी दे सकते हैं. ग्रामीण क्षेत्र का रजिस्ट्रेशन वहां के प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी करेंगे. वहीं शहरी क्षेत्र में एनओसी पार्षद को देने का अधिकार दिया गया है. शहरी क्षेत्र में रजिस्ट्रेशन स्वास्थ्य विभाग के एसीएमओ देंगे. इसके लिए दुकानदारों को अपने-अपने प्रखंडों में आवेदन देना होगा.
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