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सीएमपीएफ में गोलमाल बिना निविदा के काम
धनबाद: आरटीआइ कार्यकर्ता नंद किशोर ने प्रधानमंत्री को पत्र प्रेषित कर कोयला खान भविष्य निधि संगठन (सीएमपीएफ) में भारी पैमाने में घोटाले का आरोप लगाते हुए इसकी सीबीआइ जांच की मांग की है. श्री किशोर ने अपने पत्र में कहा है कि सीएमपीएफ का संपदा विभाग कोटेशन निविदा की सूचना न तो किसी समाचार पत्र […]
धनबाद: आरटीआइ कार्यकर्ता नंद किशोर ने प्रधानमंत्री को पत्र प्रेषित कर कोयला खान भविष्य निधि संगठन (सीएमपीएफ) में भारी पैमाने में घोटाले का आरोप लगाते हुए इसकी सीबीआइ जांच की मांग की है. श्री किशोर ने अपने पत्र में कहा है कि सीएमपीएफ का संपदा विभाग कोटेशन निविदा की सूचना न तो किसी समाचार पत्र में प्रकाशित कराता है और न ही कार्यालय की वेबसाइट पर ही अपलोड करता है. निविदा की सूचना केवल उन्हीं संवेदकों (ठेकेदार) को भेजी जाती है, जो संपदा विभाग के अधिकारी व आयुक्त द्वारा गठित कमेटी के चहेते होते हैं. और बिना निविदा निकाले कोटेशन के आधार पर चहेते ठेकेदारों में कामों का बंटवारा कर दिया जाता है.
नहीं है कोई विशेषज्ञ : पत्र में कहा गया है कि सीएमपीएफ में न तो असैनिक कार्य के विशेषज्ञ हैं और न ही विद्युत के, बावजूद सीएमपीएफ के अधिकारी निर्भयतापूर्वक असैनिक व विद्युत कार्य की निविदा (ठेका) आयोजित कर, कार्यों का आवंटन चहेते संवेदकों (ठेकेदार) में कर रहे हैं. इतना ही नहीं विभाग के अधिकारी द्वारा कार्य के गुणवत्ता का प्रमाण पत्र भी निर्गत किया जा रहा है.
संवेदक बनाते हैं प्राक्कलन : आरटीआइ कार्यकर्ता ने कहा है कि सीएमपीएफ में कार्यों का प्राक्कलन स्वयं संवेदक (ठेकेदार) बनाते है. इतना ही नहीं खुद कार्यों का बिल बना कर भुगतान भी ले लेते हैं.
आयुक्त आवास मरम्मत के नाम पर लूट : पत्र में कहा गया है कि केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के द्वारा जहां सीएमपीएफ आयुक्त आवास में 43,06,915 रुपये की मरम्मत सहित अन्य कार्य कराया गया है, वहीं सीएमपीएफ के संपदा विभाग ने भी विभिन्न कोटेशन निविदा के माध्यम से उसी काम को नाम में मामूली फेर बदल कर कराया है. इसमें 25 लाख रुपये खर्च किये गये हैं.
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