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विस्थापन: 50 घंटे बाद भी नहीं हुआ पुनर्वास, एकबार फिर सड़क पर उतरे प्रभावित परिवार, पुलिस से ग्रामीणों की नोक-झोंक, नारेबाजी
घनुडीह/लोदना: लोगों ने कुजामा कांटा घर व सीके साइडिंग की ट्रांसपोर्टिंग ठप कर दी. इससे बीसीसीएल का डिस्पैच बाधित हो गया. प्रशासन व प्रबंधन के खिलाफ भी नारेबाजी की. जाम के दौरान प्रभावितों का घनुडीह ओपी प्रभारी पीसी यादव व अन्य पुलिस कर्मियों के साथ नोकझोंक भी हुई. प्रभावितों ने बताया कि तीन दिन से […]
घनुडीह/लोदना: लोगों ने कुजामा कांटा घर व सीके साइडिंग की ट्रांसपोर्टिंग ठप कर दी. इससे बीसीसीएल का डिस्पैच बाधित हो गया. प्रशासन व प्रबंधन के खिलाफ भी नारेबाजी की. जाम के दौरान प्रभावितों का घनुडीह ओपी प्रभारी पीसी यादव व अन्य पुलिस कर्मियों के साथ नोकझोंक भी हुई. प्रभावितों ने बताया कि तीन दिन से भय के माहौल में महिला, पुरुष व बच्चे घर का सामान निकालकर सड़क किनारे नीचे रहने को विवश हैं. लगातार दरार बढ़ रही है. गैस रिसाव से जीना दूभर हो गया है. आज दोपहर में लोदना महाप्रबंधक कल्याणजी प्रसाद भी मोहरीबांध पहुंचे. कुछ भी सकारात्मक पहल किये बगैर वापस कार्यालय चले गये.
वार्ता को पहुंचे एडीएम व एसडीएम को घेरा : दोपहर बाद सोमवार को एडीएम विधि-व्यवस्था राकेश कुमार दुबे, एसडीएम राकेश कुमार, झरिया सीओ केदारनाथ सिंह, सिंदरी डीएसपी प्रमोद कुमार केसरी मोहरीबांध पहुंचे. इसके बाद प्रभावित लोगों ने स्थायी पुनर्वास की मांग को लेकर अधिकारियों को घेर लिया. अधिकारियों ने पांच प्रभावित लोगों को वार्ता के लिए बुलाया. तब अन्य लोगों ने इसका विरोध कर दिया. एसडीएम राकेश कुमार ने लोगों को समझाया कि उन्हीं का काम मुख्यालय में किया जा रहा था, इसलिए देर हुई. 25 से 30 लोगों की एक और सूची है. उसे भी सम्मिलित किया जायेगा. इसी दौरान सीरियल नंबर 26 से दुर्गापुर यादव पट्टी व कुम्हार बस्ती के लोगों का नाम सूची में आने पर अत्यंत प्रभावित लोगों ने हंगामा किया. इसके बाद सभी वरीय अधिकारी बीसीसीएल के कुजामा ओवरमैन केएन जायसवाल व वीके पटेल के साथ प्रभावितों का सर्वे किया. नौ ध्वस्त आवासों का निरीक्षण कर उनका भी नाम पुनर्वास सूची में जोड़ा गया. गुरुवार को बीसीसीएल वाहन उपलब्ध कराकर बेलगड़िया भेजने की प्रक्रिया शुरू करेगा.
रात को लौट गया था प्रबंधन : अस्पताल के समीप नवनिर्मित तीन मंजिला आवास में मोहरीबांध के करीब 30 गैरबीसीसीएल कर्मियों द्वारा बीसीसीएल आवास में कब्जा की सूचना पर रविवार की देर रात नॉर्थ तिसरा पीओ केके सिंह, जयरामपुर पीओ एन राय, कुजामा कार्मिक प्रबंधक योगेंद्र बिरूली, सीआइएसएफ व तिसरा पुलिस पहुंची. प्रबंधन गैरबीसीसीएल कर्मियों को बाहर निकालने का प्रयास करने लगा. उसका गोलबंद होकर विरोध कर किया गया. प्रभावितों के विरोध पर प्रबंधन को वापस लौटना पड़ा.
होगी एफआइआर : इधर, लोदना जीएम कल्याणजी प्रसाद ने कहा कि गलत ढंग से तिसरा अस्पताल के पास बीसीसीएल के तीन मंजिला आवास में घुसे गैरबीसीसीएल कर्मियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करायी जायेगी.
इंदिरा चौक की महिलाएं पहुंचीं मोहरीबांध
मोहरीबांध में सिंदरी डीएसपी प्रमोद कुमार केसरी व जीएम कल्याण जी प्रसाद प्रभावित स्थानीय लोगों से वार्ता कर रहे थे. तभी टेंपो से एक दर्जन महिला पहुंची और अधिकारियों को जेआअरडीए का कार्ड दिखाते हुए पुनर्वास की मांग करने लगी. तभी स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध कर दिया. उसके बाद अधिकारियों ने उन महिलाओं से कहा कि फुलारीबाद जाकर स्वयं मिलेंगे.
कोयला भवन मुख्यालय से आइएसओ टीम पहुंची : कोयला भवन मुख्यालय से दो सदस्यीय टीम आइएसओ के एस मित्तर मोहरीबांध भूधंसान स्थल का दौरा किया. पुलिस ने प्रभावित कृष्णा सिंह के भाई के साथ की धक्का मुक्की मोहरीबांध निवासी कृष्णा सिंह ध्वस्त मकान की सूचना पाकर गांव से उसके भाई विनोद सिंह पहुंचे. उन्होंने डीएसपी व जीएम से भाई को पुनर्वास कराने के लिए वार्ता करना चाहा. तभी घनुडीह थानेदार पीसी यादव, तिसरा थानेदार गौतम सुंडी रोक दिया. कहा कि अभी कोई भी बात नहीं होगी. विरोध करने पर उसके साथ धक्का-मुक्की की.
मासस नेता पहुंचे: मासस नेता बिंदा पासवान मोहरीबांध पहुंचे. प्रभावित लोगों से मिले. कहा कि राज्य सरकार की मंशा ठीक नहीं है. गरीबों की बात सुनने के लिए अला अधिकारियों को फुर्सत नहीं है.
सर्वे को लेकर अफरा तफरी : बीसीसीएल प्रबंधन द्वारा वीके पटेल व अजय पासवान द्वारा मोहरीबांध का सर्वे शुरू किया. करीब 150 आवासों में रहने वाले परिवारों की परिवारिक सूची बनायी गयी.
पीड़ित का सुधी लेने नहीं पहुंचा प्रबंधन : मोहरीबांध में भूधंसान व दरार की घटना में दो दिन पूर्व जिस बीसीसीएल कर्मी राम प्रवेश साव की वृद्ध मां भगवानी देवी का मलबे में दबकर मौत व भाभी सुमित्रा देवी गंभीर रूप से घायल हो गयी. उस पीड़ित परिवार से लोदना व बस्ताकोला प्रबंधन अभी तक किसी प्रकार की मदद के लिए आगे नहीं आया. भाभी सुमित्रा को बेहतर इलाज के लिए सेंट्रल अस्पताल के चिकित्सकों ने उन्हें रेफर कर दिया है. उनकी स्थिति गंभीर है. कोलकाता इलाज के लिए ले जायेगा.
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