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आक्रोश : तिसरा अस्पताल स्थित बीसीसीएल के आवास में घुसे 30 प्रभावित परिवार, पुनर्वास को ले 10 घंटे जाम रखी सड़क
मोहरीबांध कुजामा में भू-धंसान की घटना के बाद ग्रामीण काफी नाराज हैं. रविवार को यहां एकबार फिर दरार पड़ने की घटना हुई. प्रभावित परिवारों ने स्थायी पुनर्वास की मांग को लेकर झरिया-बलियापुर मुख्य मार्ग को टायर जलाकर जाम कर दिया. 30 परिवार जबरन बीसीसीएल के आवासों में घुस गये हैं. लोदना/घनुडीह: भारी बारिश के बीच […]
मोहरीबांध कुजामा में भू-धंसान की घटना के बाद ग्रामीण काफी नाराज हैं. रविवार को यहां एकबार फिर दरार पड़ने की घटना हुई. प्रभावित परिवारों ने स्थायी पुनर्वास की मांग को लेकर झरिया-बलियापुर मुख्य मार्ग को टायर जलाकर जाम कर दिया. 30 परिवार जबरन बीसीसीएल के आवासों में घुस गये हैं.
लोदना/घनुडीह: भारी बारिश के बीच मोहरीबांध कुजामा में भू-धंसान व दरार पड़ने की घटना के बाद यहां के लोग खासे गुस्से में हैं. जनजीवन प्रभावित हुआ है. लोगों में डर समाया है. जीवन खतरे में देख बड़ी संख्या में लोग यहां से पलायन कर गये हैं. कई गैर बीसीसीएल परिवारों ने कंपनी आवास पर कब्जा जमा लिया है. इन परिवारों का कहना है कि प्रबंधन व प्रशासन उन पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. कोई राहत उपलब्ध नहीं कराई गयी है. बारिश में खुले आसमान तले परिवार के साथ नहीं गुजार सकते. एक अदद छत चाहिए. इधर, पीओ केके सिंह व एन राय ने कहा है कि तिसरा अस्पताल के पास केवल बीसीसीएल कर्मी ही शिफ्ट होंगे. करीब 30 गैर बीसीसीएल कर्मी गैरकानूनी ढंग से जबरन तिसरा अस्पताल स्थित तीन मंजिला बीसीसीएल आवास में घुस गये हैं. प्रबंधन इन्हें समझा-बुझा कर पहले निकालने का प्रयास करेगा. आवास खाली नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
विरोध के बाद लौटी तिसरा पुलिस : बीसीसीएल कर्मियों को जो आवास अलाॅट हुए हैं, उनमें कुछ असंगठित लोगों ने ताला लगा दिया. इन आवासों का ताला पुलिस के समक्ष तोड़ दिया गया. तिसरा पुलिस वैसे गैर बीसीसीएल परिवारों को आवासों से निकालने गयी, तो लोगों ने उसका जम कर विरोध किया. इसके बाद पुलिस लौट गयी. दोपहर बाद एसडीओ राकेश कुमार एडीएम विधि व्यवस्था राकेश कुमार दुबे, सीओ केदारनाथ सिंह, डीएसपी प्रमोद केसरी, जेआरडीए अधिकारी कृष्ण कुमार, लोदना जीएम कल्याणजी प्रसाद, झरिया थानेदार उपेंद्रनाथ राय, जोड़ापोखर इंस्पेक्टर गंदरू भगत, तिसरा, घनुडीह व जिला बल के महिला-पुरुष जवानों के साथ मोहरीबांध पहुंचे. अधिकारियों ने आक्रोशित लोगों को शांत कराने का प्रयास किया. राधेश्याम वाल्मीकि, राजेंद्र पासवान, सुरेंद्र पासवान, मुनीलाल राम, शिवबालक पासवान, अजय निषाद, रवींद्र प्रसाद, मोहन भुईयां, महावीर राय, योगेश निषाद, उपेंद्र सिंह, अखिलेश सिंह, संजीत सिंह आदि की मौजूदगी में एसडीओ राकेश कुमार ने मोहरीबांध स्थित चाला में वार्ता की.
प्रभावित स्थल के परिवार होंगे चिह्नित : वार्ता में एसडीओ व एडीएम ने कहा कि जो बीसीसीएल कर्मी तिसरा अस्पताल के पास शिफ्ट हो रहे हैं, उनका सामान पहले जाने दिया जाये. इसके बाद 500 वर्ग फीट के प्रभावित गैर बीसीसीएल परिवारों को चिह्नित करने के लिए एक सर्वे टीम बनेगी. टीम में बीसीसीएल के केएन जायसवाल, रामजी सिंह, सोलंकी, स्थानीय नेताओं में शंकर रवानी, रूपेश निषाद, मोहन भुईयां, नत्थू लाल, गणेश, अशोक, राजेंद्र पासवान व घनुडीह पुलिस शामिल किये जायेंगे. वार्ता के बाद सड़क जाम खत्म हुई.
आवास ध्वस्त होने के बाद बिगड़ी महिला की तबीयत
आवास ध्वस्त होने का सदमा भुनेश्वर रवानी की पत्नी कांति देवी नहीं बर्दाश्त कर सकीं. उनकी तबीयत बिगड़ गयी. आवास ध्वस्त करने के कारण उनका सामान बर्बाद हो गया है. भुनेश्वर पुनर्वास की मांग कर रहे हैं. घनुडीह ओपी प्रभारी पीसी यादव ने कांति को एंबुलेंस से झरिया के एक निजी अस्पताल में भरती कराया है.
खिड़की तोड़ कर्मियों ने निकाला सामान
बीसीसीएल कर्मी रामप्रवेश साव के ऊपर तल्ला ध्वस्त मकान की खिड़की को लोगों ने तोड़कर उनका सामान निकाला. लोदना क्षेत्र के प्रोजेक्ट एंड प्लानिंग आरके शर्मा ने श्री साव को हरसंभव मदद करने की बात कही.
महिलाओं ने किया डीएसपी का घेराव
डीएसपी प्रमोद कुमार केसरी मोहरीबांध स्थित घटनास्थल पर रविवार को पहुंचे तो बीसीसीएल कर्मियों के लोड वाहन को ग्रामीण नहीं ले जाने दे रहे थे. उसे रोक दिया. इस पर डीएसपी भड़क उठे. वहां मौजूद महिलाएं डीएसपी पर आक्रोशित हो उठीं. कहने लगीं कि उन लोगों की जान है, वे लोग क्या हैं. सरकार ने उनको वर्दी दी है जनता की रक्षा के लिए, न कि धमकाने के लिए. इसके बाद डीएसपी चले गये.
सर्वे टीम का विरोध
टीम प्रभावित परिवारों का सर्वे कर रही थी, तभी कुछ लोगों ने उसका विरोध कर दिया. बीसीसीएल व जिला प्रशासनिक अधिकारी बगैर सर्वे किये लौट गये. सोमवार को पुन सर्वे होगा. अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित परिवारों की सूची चिह्नित कर बनायी जायेगी. कुजामा मोहरीबांध के पांच सौ वर्ग फीट में करीब पांच सौ गैर बीसीसीएल कर्मी निवास करते हैं. करीब दो सौ लोग भू-धंसान व दरार से प्रभावित हैं. इधर, जमसं बच्चा गुट के नेता राधेश्याम वाल्मीकि ने कहा कि जिला प्रशासन व बीसीसीएल की गलत नीतियों के कारण मोहरीबांध में भू-धंसान की घटना हुई है. कहा कि 24 घंटा बीतने के बाद भी प्रशासन व बीसीसीएल प्रबंधन ने कोई ठोस पहल नहीं की है. प्रभावित परिवारों को खुले आसमान के नीचे रहना पड़ रहा है.
भगवानी का शव पहुंचते ही पसरा मातम
मलबा में दबने से मारी गयी भगवानी देवी का शव पीएमसीएच से पोस्टमार्टम के बाद मोहरीबांध स्थित घटनास्थल पर पहुंचा. लोगों में मातम पसर गया. महिलाएं रो-बिलख कर प्रशासन से जल्द पुनर्वास की मांग करने लगी. बस्ताकोला गोशाला में उनका अंतिम संस्कार किया गया. पुत्र रामप्रवेश साव ने मुखाग्नि दी.
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