अब इस पर अंतिम निर्णय ट्रस्टी बोर्ड लेगा. आज की बैठक में उच्चतम पेंशन की सीमा तय करने पर फैसला लिया गया. वेज ड्राफ्ट कमेटी की अगली बैठक के पहले अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है.
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जेबीसीसीआइ ने पेंशन सब कमेटी के प्रस्ताव पर लगायी मुहर
धनबाद: कोलकाता में शुक्रवार को दसवें जेबीसीसीआइ की दो दिवसीय बैठक के दूसरे दिन पेंशन सब कमेटी की अनुशंसा पर सहमति जताते हुए उक्त प्रस्ताव को सीएमपीएफ बोर्ड ऑफ ट्रस्टी में निर्णय के लिए भेजने का फैसला हुआ. पेंशन सब कमेटी के प्रस्ताव पर एचएमएस के नत्थूलाल पांडेय ने पहले आपत्ति जतायी, फिर बाद में […]
धनबाद: कोलकाता में शुक्रवार को दसवें जेबीसीसीआइ की दो दिवसीय बैठक के दूसरे दिन पेंशन सब कमेटी की अनुशंसा पर सहमति जताते हुए उक्त प्रस्ताव को सीएमपीएफ बोर्ड ऑफ ट्रस्टी में निर्णय के लिए भेजने का फैसला हुआ. पेंशन सब कमेटी के प्रस्ताव पर एचएमएस के नत्थूलाल पांडेय ने पहले आपत्ति जतायी, फिर बाद में सहमति जता थी. उन्होंने कहा कि 10 माह के एवरेज वेतन पर पेंशन देने का जो नियम था वही रहना चाहिए, सब कमेटी ने 30 माह के एवरेज वेतन पर पेंशन भुगतान का प्रस्ताव दिया है.
अब इस पर अंतिम निर्णय ट्रस्टी बोर्ड लेगा. आज की बैठक में उच्चतम पेंशन की सीमा तय करने पर फैसला लिया गया. वेज ड्राफ्ट कमेटी की अगली बैठक के पहले अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है.
बैठक में इनकी रही भागीदारी : बैठक में मुख्य रूप से कोल इडिया के चेयरमैन सुतीर्थ भट्टाचार्य, प्रभारी निदेशक कार्मिक आरआर मिश्रा, डायरेक्टर टेक्निकल शेखर शरण, एसइसीएल, एमसीएल, एनसीएल व इसीएल के सीएमडी, इसीएल, एमसीएल व सिंगरैनी कोलियरिज कंपनी लिमिटेड के डीपी के अलावा यूनियन की ओर से एटक के रमेंद्र कुमार व लखनलाल महतो, भारतीय मजदूर संघ के डॉ बीके राय, वीके राय, वाइएन सिंह, प्रदीप कुमार दत्त, बिंदेश्वरी प्रसाद, एचएमएस के नाथूलाल पांडेय, राजेंद्र प्रसाद सिंघा, रियाज अहमद, राजेश कुमार सिंह, सीटू के डीडी रामानंदन, जेएस सोढ़ी, एचएस बेग, मानस चटर्जी सहित अन्य कई सदस्य मौजूद थे.
क्या थी पेंशन सब कमेटी की अनुशंसा
पेंशन के लिए गठित सब कमेटी की नागपुर में 27 जून को संपन्न तीसरी बैठक में पेंशन मुद्दे पर सहमति बनी थी. इसके अनुसार पेंशन फंड को स्थिर व मजबूत बनाने के लिए सात फीसदी कोलकर्मी तथा सात फीसदी प्रबंधन द्वारा अंशदान देने पर सहमति, कोलकर्मियों को कम से कम एक हजार रुपये पेंशन देने, 10 माह के बजाय 30 माह के एवरेज वेतन पर पेंशन तय करने एवं पांच साल में समीक्षा करने का प्रस्ताव सब कमेटी ने दिया था. जेबीसीसीआइ में इस पर मुहर लगने के बाद इसे सीएमपीएफ बोर्ड ऑफ ट्रस्टी में निर्णय के बाद कोयला मंत्रालय को भेजा जायेगा, जहां कोल माइंस पेंशन स्कीम 1998 में संशोधन कर इसकी अधिसूचना जारी की जायेगी.
कोल इंडिया देगी सात फीसदी अंशदान
कोयला उद्योग के इतिहास में यह पहला मौका है जब पेंशन स्थिर रखने के लिए कोल इंडिया प्रबंधन की ओर से सात फीसदी अंशदान देने पर सहमति बनी. अब तक पेंशन मद में सिर्फ कोलकर्मी ही अंशदान देते आ रहे है. यह अंशदान भी अलग-अलग है. 1989 से लेकर 1996 तक कोलकर्मियों की पेंशन मद में सवा चार फीसदी राशि कटती थी. फिर एक जुलाई 1996 के बाद से यह राशि बढ़कर करीब सवा पांच फीसदी हो गयी. तत्पश्चात 1 जुलाई 2011 के बाद से पेंशन मद में लगभग सवा छह फीसदी राशि कटने लगी. प्रबंधन सूत्रों की माने तो कोल इंडिया को पेंशन मद में सात फीसदी राशि देने से कोल इंडिया पर सालाना करीब एक हजार करोड़ रुपये का अतिरक्त भार पड़ेगा.
15 अगस्त के पहले हो सकता है दसवां वेतन समझौता
कोल इंडिया प्रबंधन 15 अगस्त के पूर्व दसवां वेतन समझौता कराने के लिए रेस हो गया है. नवें वेतन समझौते के लंबित मुद्दों के समाधान के लिए कोल इंडिया एपेक्स कमेटी की 14 जुलाई को एवं कोल इंडिया वेलफेयर बोर्ड की बैठक 15 जुलाई को कोलकाता में होगी. वहीं जेबीसीसीआइ की अगली बैठक 28, 29 जुलाई को कोलकाता में करने का निर्णय लिया गया.
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