सनद रहे कि मौसम विभाग ने चार घंटे से अधिक देर तक बारिश की संभावना जताते हुए, 15 एमएम से ज्यादा बारिश होने की भविष्यवाणी की थी.
शाम के बाद सभी इलाकों में बारिश हुई. यहां मॉनसून देर से आया है. बादल तो छा रहे थे, लेकिन बरस नहीं रहे थे. किसान भी धान की खेती को ले कर सशंकित हैं. दो वर्ष पहले भी ऐसी ही हालत थी. वर्ष 2015 में यहां विलंब से बारिश हुई थी, जिसके चलते धनबाद में सूखा पड़ गया था. तोपचांची झील सूख गयी थी. मैथन डैम का जलस्रोत भी चिंताजनक स्थिति में पहुंच गया था.