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बिना जांच के एफआइआर, ऐसे में कैसे चलेगा कारोबार : जीटा
धनबाद: छह हार्ड कोक संचालकों पर कोयला चोरी का मामला दर्ज करने के खिलाफ झारखंड इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड एसोसिएशन (जीटा) की आपात बैठक सोमवार को शहर के होटल में हुई. एक स्वर से पुलिस कार्रवाई की निंदा की गयी. व्यवसायियों ने कहा कि प्रारंभिक जांच के बगैर इस तरह की एफआइआर ऐतिहासिक है. एक ट्रक […]
धनबाद: छह हार्ड कोक संचालकों पर कोयला चोरी का मामला दर्ज करने के खिलाफ झारखंड इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड एसोसिएशन (जीटा) की आपात बैठक सोमवार को शहर के होटल में हुई. एक स्वर से पुलिस कार्रवाई की निंदा की गयी. व्यवसायियों ने कहा कि प्रारंभिक जांच के बगैर इस तरह की एफआइआर ऐतिहासिक है. एक ट्रक ड्राइवर के बयान पर 24 लोगों पर एफआइआर दर्ज कर ली गयी. आखिर ट्रक ड्राइवर को 24 लोगों का नाम व उसके उद्योग का नाम कैसे याद था, यह गंभीर मामला है.
यह अच्छा मैसेज नहीं है. ऐसे में हमलोग व्यापार कैसे करेंगे. एक तरफ राज्य की पूरी मशीनरी मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व में नयी औद्योगिक क्रांति की ओर अग्रसर है, वहीं दूसरी ओर धनबाद जैसे अौद्योगिक क्षेत्र के प्रमुख उद्योगपति, व्यवसायी पर आपराधिक मुकदमें दर्ज किये जा रहे हैं. ऐसी स्थिति रही तो यहां की औद्योगिक इकाई बंद हो जायेगी और बेरोजगारी बढ़ेगी. बैठक की अध्यक्षता जीटा के वरीय उपाध्यक्ष पुष्कर डोकानिया ने की. बैठक में जीटा के महासचिव राजीव शर्मा, कोषाध्यक्ष अमितेश सहाय, नंद लाल अग्रवाल, गगन दुदानी, दीपक पोद्दार, दिनेश हेलीवाल, पुरुषोत्तम हेलीवाल, सुपेंदर सिंह, राजेश गोयल आदि थे.
पुलिस की कार्रवाई का तरीका गलत: पुलिस की कार्रवाई पर जीटा ने सवाल उठाया है. कहा कि पुलिस की कार्रवाई का तरीका अच्छा नहीं है. इससे व्यापारियों का मनोबल टूटता है. प्रारंभिक जांच के बाद ही एफआइआर होनी चाहिए. जिन छह व्यवसायियों पर एफआइआर दर्ज की गयी है, उनमें जीटा के अध्यक्ष केएन मित्तल, संस्थापक सदस्य एसएन अग्रवाल व अन्य प्रतिष्ठित समाज सेवी हैं.
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