धनबाद : केंद्र सरकार कोल इंडिया के शेयर से नगदी जुटाने की योजना पर काम कर रही है. 25 फीसदी शेयर के पुनर्खरीद अनिवार्य किया गया है. कोल इंडिया की सिर्फ पांच कंपनियां ही शेयर खरीद सकती है, जबकि अन्य कंपनियों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. इसका असर कहीं न कहीं कोलकर्मियों के लंबित 10वां वेतन समझौता पर भी पड़ने से इनकार नहीं किया जा सकता है. कंपनी की इस नीति से श्रमिक संगठन में नाराजगी बढ़ गयी है. सनद रहे कि वर्तमान में कोल इंडिया में सरकार की 79.11 फीसदी हिस्सेदारी है. इससे भी घटाने की योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है.
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कोल इंडिया के शेयर से नकदी जुटाने की योजना
धनबाद : केंद्र सरकार कोल इंडिया के शेयर से नगदी जुटाने की योजना पर काम कर रही है. 25 फीसदी शेयर के पुनर्खरीद अनिवार्य किया गया है. कोल इंडिया की सिर्फ पांच कंपनियां ही शेयर खरीद सकती है, जबकि अन्य कंपनियों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. इसका असर कहीं न कहीं कोलकर्मियों के लंबित […]
जुलाई 2016 से लंबित वेज बोर्ड
: कोल कर्मियों का दसवां वेज बोर्ड जुलाई 2016 से लंबित है. कोल इंडिया प्रबंधन एक तरफ वित्तीय कमी का हवाला देकर वेज बोर्ड फंसा रही है, तो दूसरी तरफ सरकारी खजाने को मजबूत करने के लिए शेयर पुनर्खरीद के जरिये केंद्र सरकार के लिए नगदी जुटाने में लगी है. आधिकारिक सूत्रों की मानें तो पिछले वर्ष अक्तूबर में पुनर्खरीद के बाद कोल इंडिया ने अपना 2500 करोड़ रुपये की नकद जुटायी थी और शेयरधारकों को भी कुल 3650 करोड़ नगदी दी गयी थी.
बजटीय घाटे को पाटने में जुटी है सरकार : बताते है कि सरकार रोज नये-नये नियम बना कर सार्वजनिक क्षेत्रों का दोहन कर अपने बजटीय घाटे को पाटने में लगी है. सरकार के नये निर्देश के मुताबिक कम से कम दो हजार करोड़ रुपये की हैसियत व एक हजार करोड़ रुपये के नकद व बैंक बैलेंस वाली सरकारी कंपनियों के लिए अधिकतम 25 फीसदी इक्विटी शेयर को पुनर्खरीद अनिवार्य किया है. ऐसी स्थिति में कोल इंडिया की सात सहायक कंपनियों में से पांच को अनिवार्य तौर पर शेयर पुनर्खरीद करने होंगे. सूत्रों की माने तो सरकार ने शुद्ध लाभ के आधार पर लाभांश देने की बजाय सरकारी कंपनियों को शुद्ध लाभ का 30 फीसदी या हैसियत का पांच फीसदी (जो भी ज्यादा हो) लाभांश के तौर पर सरकार को देने होंगे. इसी आधार पर कोल इंडिया एक बार फिर से पुनर्खरीद योजना को आगे बढ़ा रही है.
जाने कोल इंडिया की सहायक कंपनी व उसकी हैसियत
कंपनी हैसियत
बीसीसीएल 3890.13
सीसीएल 3038.01
इसीएल 1994.44
एसइसीएल 51100.75
एमसीएल 4319.29
एनसीएल 4194.86
डब्ल्यूसीएल 3157.20
एनइसी 238.46
(नोट : हैसियत के आंकड़े करोड़ों में )
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