बच्ची ने कहा कि उसके पिता अच्छे आदमी नहीं हैं. 16 जून को गोमो रेल थाना ने बाल कल्याण समिति को बच्ची सुपुर्द की थी. नाबालिग नवाडीह, थाना मोहनपुर जिला देवघर की निवासी है. उसने बताया कि मामा मुनीलाल बेसरा और पिता ने पांच वर्ष पूर्व उसे बिहार के शेखपुरा में काम करने के लिए छोड़ दिया था. जहां उसे काफी कष्ट झेलना पड़ा. सीडब्ल्यूसी के सदस्य शंकर रवानी ने बताया कि बच्ची को देवघर के बाल कल्याण समिति को सुपुर्द किया जायेगा. उसका नामांकन कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में कराया जायेगा.
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कार्रवाई: एसएसपी ने सदर थानेदार को दिया आदेश, बच्ची को बेचने के मामले में मामा पर होगी प्राथमिकी
धनबाद: नाबालिग आदिवासी बच्ची को बेचने के आरोप में उसके मामा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. यह आदेश एसएसपी मनोज रतन चोथे ने सदर थाना को दिया है. इस बाबत बाल कल्याण समिति के सदस्य शंकर रवानी ने एसएसपी से मुलाकात की. मंगलवार को नाबालिग के माता-पिता उसे लेने आये थे, पर बच्ची ने […]
धनबाद: नाबालिग आदिवासी बच्ची को बेचने के आरोप में उसके मामा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. यह आदेश एसएसपी मनोज रतन चोथे ने सदर थाना को दिया है. इस बाबत बाल कल्याण समिति के सदस्य शंकर रवानी ने एसएसपी से मुलाकात की. मंगलवार को नाबालिग के माता-पिता उसे लेने आये थे, पर बच्ची ने उनके साथ जाने से मना कर दिया.
और इधर, पैसे के लिए मां-बाप ने नवजात को बेच डाला
निरसा स्वास्थ्य केंद्र में एक नवजात को बेचने का मामला सामने आया है. बाल कल्याण समिति ने मामले में निरसा थाना को सूचना दी है. नवजात के माता-पिता को समिति के समक्ष 27 जून को हाजिर होने का आदेश दिया है. समिति के शंकर रवानी ने बताया कि 20 अप्रैल 2017 को निरसा स्वास्थ्य केंद्र में शिल्पी देवी पति उपेंद्र गोस्वामी को एक बच्चा हुआ था. दोनों ने दो लाख रुपये में उसे बेच दिया. बच्चे को खरीदने वाला उसे लेकर दिल्ली चला गया. बच्चे को किसने खरीदा इसका पता अभी नहीं चल पाया है.
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