पहले की तुलना में अब वेटिंग लिस्ट भी काफी कम हो गयी है. रेलवे सऊत्रों के अनुसार कमाई के बजाय रेलवे की किरकिरी होते देख रेल मंत्रलय ने बोर्ड को विचार कर इसे हटाने का निर्देश जारी किया है. फ्लैक्सी फेयर हटाने और नहीं हटाने को लेकर रेलवे बोर्ड के अधिकारी दो भागों में बंट गये हैं. रेलवे के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि रेलवे बोर्ड में अधिकारियों का एक वर्ग फ्लैक्सी लागू रहेै, इसको लेकर अड़ा है, इसलिए राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस तथा दूरंतों एक्सप्रेस में खाली बर्थ भरने के लिए वैकल्पिक योजना की बात चल रही है. इसमें मेल ट्रेनों में प्रतीक्षा वाले यात्रियों से अतिरिक्त किराया लेकर सफर का मौका दिया जा रहा है.
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दो माह में बंद हो सकता है राजधानी, दूरंतो एक्सप्रेस से फ्लैक्सी फेयर
धनबाद: राजधानी एक्सप्रेस तथा दूरंतो एक्सप्रेस से कमाई बढ़ाने के लिए शुरू की गयी फ्लैक्सी फेयर बहुत प्रभावी साबित नहीं हो रही है. इसे देखते हुए हावड़ा – नयी दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस तथा सियालदह-नयी दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस सहित सभी राजधानी एक्सप्रेस, दूरंतो एक्सप्रेस तथा शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों में फ्लैक्सी फेयर हटाने की तैयारी की जा […]
धनबाद: राजधानी एक्सप्रेस तथा दूरंतो एक्सप्रेस से कमाई बढ़ाने के लिए शुरू की गयी फ्लैक्सी फेयर बहुत प्रभावी साबित नहीं हो रही है. इसे देखते हुए हावड़ा – नयी दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस तथा सियालदह-नयी दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस सहित सभी राजधानी एक्सप्रेस, दूरंतो एक्सप्रेस तथा शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों में फ्लैक्सी फेयर हटाने की तैयारी की जा रही है. सामान्य से डेढ़ गुणा अधिक किराया होने के कारण रेल यात्री हवाई सफर का रूख कर रहे हैं. इससे इन ट्रेनों में यात्रियों की संख्या में कमी दर्ज की जा रही है.
पहले की तुलना में अब वेटिंग लिस्ट भी काफी कम हो गयी है. रेलवे सऊत्रों के अनुसार कमाई के बजाय रेलवे की किरकिरी होते देख रेल मंत्रलय ने बोर्ड को विचार कर इसे हटाने का निर्देश जारी किया है. फ्लैक्सी फेयर हटाने और नहीं हटाने को लेकर रेलवे बोर्ड के अधिकारी दो भागों में बंट गये हैं. रेलवे के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि रेलवे बोर्ड में अधिकारियों का एक वर्ग फ्लैक्सी लागू रहेै, इसको लेकर अड़ा है, इसलिए राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस तथा दूरंतों एक्सप्रेस में खाली बर्थ भरने के लिए वैकल्पिक योजना की बात चल रही है. इसमें मेल ट्रेनों में प्रतीक्षा वाले यात्रियों से अतिरिक्त किराया लेकर सफर का मौका दिया जा रहा है.
संसद में उठ चुका है यह मामला: फ्लैक्सी फेयर से राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस तथा दूरंतो एक्सप्रेस में खाली बर्थ का मामला मार्च महीने में संसद में उठ चुका है. खुद रेल मंत्री सुरेश प्रभू ने स्वीकार किया है कि राजधानी में पांच तथा शताब्दी में 20 फीसदी बर्थ खाली जा रहे हैं. रेलवे सूत्रों का कहना है कि फ्लैक्सी फेयर से कमाई के बजाय रेलवे की खराब छवि से रेल मंत्री श्री प्रभू भी खुश नहीं है. इसको देखते हुए अगले दो महीने यानी अगस्त तक इसे बंद करने की बात चल रही है.
लक्ष्य की तुलना में कमाई हुई कम
रेलवे का फ्लैक्सी फेयर से सलाना एक हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई होने का अनुमान था. लेकिन रेल यात्रियों ने इसे एक सिरे से खारिज कर दिया. इसलिए पिछले माह में महज तीन सौ करोड़ रुपये की अय हुयी. इसके अलावा इन ट्रेनों में यात्रियों की संख्या भी घट रही है. हालांकि कुछ अधिकारियों का दावा है कि वेटिंग लिस्ट में कमी आयी है. ट्रेन में यात्रियों की संख्या में कमी नहीं आयी है.
सितंबर, 15 से हुआ था लागू
रेलवे मंत्रलय ने राजधानी, दूरंतो तथा शताब्दी एक्सप्रसों में नौ सितंबर, 2015 से फ्लैक्सी फेयर का नियम लागू किया था. इस समय पूरे भारतीय रेल के कुल 16 जोनों में 25 राजधानी, 22 दूरंतो तथा 38 जोड़ी शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन होता है. नियम के अनुसार अगर किसी ट्रेन में कुल एक सौ बर्थ हैं, तो पहले 10 बर्थ का किराया सामान्य रहेगा. उसके बाद 11 से 20 बर्थ का किराया 110 रुपये, 21 से 30 बर्थ का किराया 120 रुपये, 31 से 40 बर्थ का किराया 130 रुपये होगा. 41 से 50 बर्थ का किराया 140 रुपये होगा. इसके बाद बाकी शेष बचे बर्थ का किराया 150 रुपये यात्रियों को देना होगा.
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