कहा कि भारत की शिक्षा व रक्षा प्रणाली हमारी अपनी नहीं है. भारत के उद्योगों के प्रकल्प हमारे अपने नहीं हैं. जो गायों को ऐसी गति दे रहे हैं वैसी ही गति गायों को कष्ट पहुंचाने वालों को मिलनी चाहिए. उन्होने यह भी कहा कि गो रक्षा व गंगा की रक्षा करने वाले देशभक्तों की ही अंत में विजय प्राप्त होगी. उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत का जो प्रारूप होना चाहिए वह नहीं है. कहा कि गंगा जी किसकी नहीं हैं. चाहे वह हिंदू हो, मुसलमान, सिख हो या ईसाई सबके लिए हितप्रद हैं. सद्धिांतिक रूप में भारत घोर परतंत्र देश है.
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गो हत्या के समर्थक हों देश से बाहर
चितरा: जो राजनीतिक दल गो हत्या का समर्थन गुप्त रूप से करते हैं उन्हें अथवा उनके नेताओं को भारत में जीवन भर चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं मिलना चाहिए. चाहे वे किसी प्रांत के मुख्यमंत्री ही क्यों न हों. उन्हें भारत से बाहर कर देना चाहिये. उक्त बातें जगत गुरू शंकराचार्य पुरी पीठाधीश्वर निश्चलानंद सरस्वती […]
चितरा: जो राजनीतिक दल गो हत्या का समर्थन गुप्त रूप से करते हैं उन्हें अथवा उनके नेताओं को भारत में जीवन भर चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं मिलना चाहिए. चाहे वे किसी प्रांत के मुख्यमंत्री ही क्यों न हों. उन्हें भारत से बाहर कर देना चाहिये. उक्त बातें जगत गुरू शंकराचार्य पुरी पीठाधीश्वर निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज ने मंगलवार की रात प्रवचन के दौरान कही. मालूम हो कि सहरजोरी गांव में शतचंडी महायज्ञ चल रहा है. भारत में गो रक्षा करने वालों देशद्रोही कहा जाता है.
कहा कि शंकराचार्य के पद से घोषणा करता हूं कि भारत को सैद्धांतिक आधार पर स्वतंत्र करने की आवश्यकता है. उन्होंने यह भी कहा कि रामसेतु को भी विखंडित करने की साजिश तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, देश की पुत्रवधू सोनिया गांधी व करुणानिधि कर रहे थे. कहा कि मानव जीवन को सार्थक करने का प्रयास करना चाहिए. कहा कि देह का नाश होने से जीव का नाश नहीं होता है. प्रचवन के पूर्व ऋषिकेष ब्रह्मचारी ने जिन्हें तुमने देखा उन्हें मन के अंदर बसा के तो देखो भजन प्रस्तुत किया. जिससे उपस्थित दर्शक मंत्रमुग्ध हो गये. मौके पर कृषि मंत्री रणधीर सिंह, भजन गायक हेमंत दुबे, विधायक प्रतिनिधि महेन्द्र प्रसाद राणा, जयनंदन सिंह, राजीव सिंह, गौतम सिंह, द्रोण सिंह, सुधीर सिंह, गणेश सिंह, विवेक सिंह, प्रदीप सिंह समेत बड़ी संख्या शंकराचार्य को सुनने के लिए श्रद्धालु उपस्थित थे.
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