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शिक्षा विभाग दे बीपीएल बच्चों की सूची, स्कूल एडमिशन को तैयार
देवघर: राइट टू एजुकेशन के तहत बीपीएल कोटि के बच्चों का प्राइवेट स्कूलों में 25 फीसदी सीटों पर दाखिले के लिए प्रबंधन तैयार है. इसके लिए विभाग बीपीएल बच्चों की सूची उपलब्ध कराये. एक्ट के नाम पर प्राइवेट स्कूलों के साथ भेदभाव बंद करे, वरना उग्र आंदोलन किया जायेगा. उक्त बातें जिला प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन […]
देवघर: राइट टू एजुकेशन के तहत बीपीएल कोटि के बच्चों का प्राइवेट स्कूलों में 25 फीसदी सीटों पर दाखिले के लिए प्रबंधन तैयार है. इसके लिए विभाग बीपीएल बच्चों की सूची उपलब्ध कराये. एक्ट के नाम पर प्राइवेट स्कूलों के साथ भेदभाव बंद करे, वरना उग्र आंदोलन किया जायेगा. उक्त बातें जिला प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष श्रीकांत झा ने सुप्रभा शिक्षा स्थली स्कूल में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कही. एसोसिएशन के तमाम मुद्दों पर चर्चा के लिए 15 जुलाई को दुमका में महाधिवेशन का आयोजन किया जायेगा. उन्होंने कहा की वर्ष 2015 के बाद से जिला प्रशासन द्वारा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के साथ कोई बैठक नहीं की गयी है.
न ही राइट टू एजुकेशन के तहत बेहतर कामकाज करने वाले स्कूलों के प्रबंधक को प्रोत्साहित किया गया है. प्राइवेट स्कूलों में दाखिले के लिए बीपीएल बच्चों की सूची जल्द से जल्द उपलब्ध होने पर जुलाई तक एडमिशन लेने के लिए तैयार हैं. मीडिया प्रभारी डॉ जेसी राज ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों के संबंध में बार-बार कहा जाता है कि वो मनमानी कर रहा है. शोषण कर रहा है. एसोसिएशन के माध्यम से मांग करते हैं मनमानी करने वाले स्कूलों की सूची दें. एसोसिएशन उनके विरुद्ध कार्रवाई करेगा. वर्तमान में देवघर जिले का 97 विद्यालय एसोसिएशन से संबद्ध है. प्रेस कांफ्रेंस में जिला सचिव प्रेम कुमार, मीडिया प्रभारी डॉ जेसी राज, सुप्रभा शिक्षा स्थली के प्राचार्य आशुतोष प्रसाद आदि मौजूद थे.
अर्हता पूरी करने वालों को भी नहीं दी जा रही है मान्यता
जिला प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के जिला सचिव प्रेम कुमार ने कहा कि राइट टू एजुकेशन के तहत अर्हता पूरी करने वाले प्राइवेट स्कूलों को मान्यता नहीं दी जा रही है. स्कूलों में स्टूडेंट टीचर के अनुपात को खोजा जाता है. सरकार का भी दायित्व है कि वो प्राइवेट स्कूलों के टीचर को प्रशिक्षित करें.
सिर्फ दो वर्ष के लिए दी मान्यता
वर्ष 15-16 में करीब 42 स्कूलों को जिले से रजिस्टर कर मान्यता दी गयी. पुन: वर्ष 16-17 में एक वर्ष का विस्तार किया गया. चालू शैक्षणिक वर्ष में अबतक विस्तार नहीं किया गया है. इससे प्राइवेट स्कूलों के संचालकों में रोष है.
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