बीते तीन वर्ष के दौरान एकत्रित किये गये आंकड़ों के आधार पर जिला स्वास्थ्य विभाग की अोर से मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी गयी थी. अब वहां स्प्रे किया जाना है. बीवीडी पदाधिकारी ने बताया कि उपरोक्त योजना की तैयारी के लिए बुधवार को सिविल सर्जन कार्यालय के सभागार में जिला मलेरिया विभाग ने एक ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया, जिसमें जिले के सभी सीएचसी प्रभारी, मलेरिया संबंधी कर्मचारी व बीपीएम यूनिट के कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया.
ये सभी यहां से ट्रेनिंग लेकर बतौर मास्टर ट्रेनर संबंधित प्रखंडों के मलेरिया उन्मुलन के लिए चयनित गांव के एएनएम, बीटीटी व सहिया को प्रशिक्षित(ट्रेंड) करेंगे. प्रशिक्षण में आइआरएस(इंडोर रेसिडयूल स्प्रे) के छिड़काव की विस्तृत जानकारी दी जायेगी. ताकि वे प्रखंड स्तरीय प्रशिक्षण उन्हें डीडीटी के घोल तैयार करने से लेकर अन्य सारी सावधानियों की जानकारी दी जायेगी. योजना के तहत जिले के करौं प्रखंड को छोड़कर सात सीएचसी क्षेत्र में लगभग 20 एमटी घोल का छिड़काव होना है. ट्रेनिंग प्रोग्राम के आयोजन में जिला बीवीडी सलाहकार डॉ गणेश कुमार यादव ने सहयोग प्रदान किया.