सारठ : सारठ के प्रख्यात साहित्यकार भुजेन्द्र नारायण प्रसाद आरत को अखड़ा साहित्य सम्मान 2017 से सम्मानित किया जायेगा. उन्हें यह सम्मान 7 मई को रांची में आयोजित होने वाले झारखंडी भाषा साहित्य संस्कृति अखड़ा के चौथे महासम्मेलन में मुख्यमंत्री रघुवर दास के हाथों दिया जायेगा. अखड़ा की वंदना टेटे ने पत्र भेज कर उन्हें कार्यक्रम में शामिल होने का अनुरोध किया है. पत्र में बताया गया कि श्री आरत हिन्दी साहित्य के जरिये विशेषकर संताली जीवन, समाज और इतिहास को समृद्ध करने में उल्लेखनीय योगदान दिया है. इसको लेकर चयन समिति ने सर्वसम्मति से श्री आरत का चयन ‘अखड़ा साहित्य सम्मान 2017’ के लिये किया है.
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सारठ के साहित्यकार भुजेन्द्र आरत को मिलेगा 2017 का अखड़ा साहित्य सम्मान
सारठ : सारठ के प्रख्यात साहित्यकार भुजेन्द्र नारायण प्रसाद आरत को अखड़ा साहित्य सम्मान 2017 से सम्मानित किया जायेगा. उन्हें यह सम्मान 7 मई को रांची में आयोजित होने वाले झारखंडी भाषा साहित्य संस्कृति अखड़ा के चौथे महासम्मेलन में मुख्यमंत्री रघुवर दास के हाथों दिया जायेगा. अखड़ा की वंदना टेटे ने पत्र भेज कर उन्हें […]
बताते चलें कि साहित्यकार भुजेन्द्र आरत द्वारा संताली जनजीवन पर आधारित कई पुस्तकों का प्रकाशन हो चुका है. सर्वप्रथम 1963 में हिन्दी उपान्यास विहान प्रकाशित हुआ. इसके बाद आनेवाला कल, कगारों का मिलन, पहली चिनगारी, गूलर का फूल समेत कई पुस्तकों का प्रकाशन हुआ है. संथाल विद्रोह 1855 पर आधारित पहली चिनगारी काफी चर्चित पुस्तक रही है. साहित्य के क्षेत्र में अमूल्य योगदान के लिए श्री आरत को पूर्व में सहस्त्राब्दी विश्व हिन्दी सेवी सम्मान- 2000,
अंतरराष्ट्रीय बाल सदभावना पुरस्कार, जैमिनी अकादमी पानीपत हरियाणा द्वारा पद्मश्री लक्ष्मी नारायण दुबे स्मृति सम्मान -2001, सुभद्रा कुमारी चौहान शतवार्षिक स्मृति सम्मन से सम्मनित किया जा चुका है. भुजेन्द्र नारायण आरत मूल रूप से सारठ के रहने वाले हैं. वर्तमान में न्यू टाउन जामताड़ा में रह रहे हैं.
संथाली जीवन, समाज और इतिहास पर लेखन के जरिये उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया जा रहा है सम्मान
7 मई को रांची में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रघुवर दास के हाथों दिया जायेगा सम्मान
एनसीटीई ने चाणक्या कॉलेज को डीइएलएड पढ़ाई की मान्यता दी
सत्र 2012-13 से चल रही थी बीएड की पढ़ाई
मधुपुर : शहर के बावन बीघा स्थित चाणक्या टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज में इसी चालू सत्र से डीईएलईडी की पढ़ाई प्रारंभ होगी. इसके लिए एनसीटीई भुवनेश्वर से पढ़ाई प्रारंभ करने के लिए मान्यता मिल गयी है. उक्त आशय की जानकारी कॉलेज के सचिव संजीव पंसारी ने दी है. मान्यता दिलाने के लिए उन्होंने श्रम मंत्री राज पलिवार, कृषि मंत्री रणधीर सिंह, सांसद निशिकांत दुबे, जैक अध्यक्ष अरविंद कुमार सिंह के अलावे सहयोग के लिए मधुपुर कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डा. पशुपति राय व डा. केडी शर्मा को धन्यवाद दिया है. उन्होंने बताया कि कॉलेज में सत्र 2012-13 से ही बीएड की पढ़ाई चल रही थी. अब डीईएलईडी की पढ़ाई प्रारंभ होने से स्थानीय छात्र-छात्राओं को इसका लाभ मिलेगा.
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