17.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नहीं है ट्रामा सेंटर, आइसीयू व ब्लड बैंक

देवघर: आजादी के 67 साल बाद भी संताल परगना प्रमंडल के लोगों को ट्रामा सेंटर,आइसीयू व संपूर्ण संसाधन से युक्त ब्लड बैंक की सुविधा का लाभ नहीं मिल पाया है. इस क्षेत्र में जनता को अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इस बाबत सरकार की ओर से सीविल सजर्न को पत्र […]

देवघर: आजादी के 67 साल बाद भी संताल परगना प्रमंडल के लोगों को ट्रामा सेंटर,आइसीयू व संपूर्ण संसाधन से युक्त ब्लड बैंक की सुविधा का लाभ नहीं मिल पाया है. इस क्षेत्र में जनता को अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

इस बाबत सरकार की ओर से सीविल सजर्न को पत्र भी प्रेषित किया गया था. मगर जिला प्रशासन के भवन निर्माण विभाग द्वारा ससमय स्थल चयन न कर पाने के कारण मामला अधर में लटक गया. नतीजा यह हुआ कि सरकार की ओर से जिलेवासियों को ट्रामा सेंटर सहित आइसीयू का लाभ अब तक नहीं मिल सका है.

विभागीय निर्देश के अनुसार, शहरी क्षेत्र स्थित सड़क किनारे ट्रामा सेंटर बनाना था जो नहीं बन सका और न ही पर्याप्त संसाधनों से लैस आइसीयू के निर्माण की ही शुरुआत हो सकी. हालांकि इसके लिए भवन निर्माण विभाग व स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों की टीम ने मोहनपुर अंचल कार्यालय को जमीन उपलब्ध कराने की अपील की थी. अंचल कार्यालय ने इस दिशा में पहल करते हुए अंचल क्षेत्र के घोरमारा व दहीजोर मौजा में टीम को स्थल दिखाया था. मगर निर्माण करने वाली बिल्डिंग डिवीजन को उक्त दोनों ही स्थल पसंद नहीं आया.

लिहाजा न स्थल का चयन हुआ और न विभागीय कार्रवाई ही आगे बढ़ सकी. इस वजह से देवघर में ट्रामा सेंटर का मामला अधर में लटक गया. सेंटर के अभाव में पिछले एक दशक के दौरान पूरे प्रमंडलीय क्षेत्र में 300 से 400 लोगों की मौत दुर्घटना के शिकार होने के बाद हुई है. यदि कोई व्यक्ति बच जाता है. उस परिस्थिति में उनके परिजन बेहतर इलाज की उम्मीद लिए जान-पहचान के लोगों से संपर्क साधते रहते हैं. इस दौरान मरीज तड़पता रहता है. मगर सही जानकारी के अभाव में पीड़ित परिवार इलाज के लिए घायल को सही जगह नहीं ले जा पाते. दूसरी ओर वे नाजायज खर्च के शिकार हो जाते हैं. जानकार बताते हैं कि अगर देवघर, दुमका या संताल के किसी अन्य जिलों में ट्रामा सेंटर होता तो शायद दर्जनों लोगों की जानें बच सकती है. जो समुचित इलाज के अभाव में मृत्यु को बाध्य हो जाते हैं. इस दौरान पीड़ित परिवार के घर से अच्छी-खासी रकम खर्च हो जाती है.

सरकार ने नहीं दिखायी तत्परता
संताल परगना प्रमंडलीय क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं खासकर ट्रामा सेंटर, आइसीयू या फिर पर्याप्त संसाधनों के अभाव में चल रहे ब्लड बैंक को उन्नत बनाने के लिए सरकार ने सुधि नहीं ली. इसका खामियाजा प्रमंडल के लोगों को उठाना पड़ रहा है. लोस चुनाव में क्षेत्र की जनता चुनाव मैदान में कूदने वाले उम्मीदवारों से इस मुद्दे पर सवाल खड़ेगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें