देवघर : इन दिनों सीबीएसइ की बारहवीं कक्षा के फिजिकल एजुकेशन की एक किताब काफी चर्चा में है. इस किताब में यह पढाया जा रहा है कि जिन लड़कियों का फिगर 36-24-36 का होता है वो सबसे अच्छी होती है. किताब में यह भी बताया गया है कि यही कारण है कि मिस यूनिवर्स और […]
देवघर : इन दिनों सीबीएसइ की बारहवीं कक्षा के फिजिकल एजुकेशन की एक किताब काफी चर्चा में है. इस किताब में यह पढाया जा रहा है कि जिन लड़कियों का फिगर 36-24-36 का होता है वो सबसे अच्छी होती है. किताब में यह भी बताया गया है कि यही कारण है कि मिस यूनिवर्स और मिस वर्ल्ड जैसी प्रतियोगिताओं में बॉडी फिगर पर बहुत ध्यान दिया जाता है
और इस तरह का फिगर पाना बहुत कठिन है और इसके लिए विशेष तरह के एक्सरसाइज की जरूरत होती है. जब से यह खबर सोशल साइट पर आयी है, पैरेंट्स का गुस्सा फुट पड़ा है. सभी फेसबुक, ट्विटर के जरिये अपनी नाराजगी जता रहे हैं. प्रभात खबर ने इस किताब की जांच की, तो पाया कि ये मामला काफी पुराना है. अब इस किताब का रिवाइज्ड एंड अपडेटेड एडिशन मार्केट में आ चुका है,
जिसमें इस तरह की बातों को ठीक करके दिखाया गया है.
सीबीएसइ ने पत्र जारी कर दी सफाई : इस किताब के संबंध में सीबीएसइ की पब्लिक रिलेशन अफसर रमा शर्मा ने सभी मीडिया हाउस में पत्र जारी कर कहा है कि ‘सोशल मीडिया पर ऐसी खबरें चल रही है, जिसमें बताया जा रहा है कि सीबीएसइ की कक्षा बारहवीं की शारीरिक शिक्षा की टेक्स्टबुक में ऐसा लिखा गया है कि 36-24-36 का फिगर साइज महिलाओं के लिए सर्वश्रेष्ठ है. जिस तथ्य का इन खबरों में जिक्र है, वह डॉ वीके शर्मा द्वारा लिखी पुस्तक ‘हेल्थ एंड फिजकल एजुकेशन’ का अंश है.
सीबीएसइ इस खबर को सिरे से खारिज करता है. सीबीएसइ को इससे जोड़ना पूरी तरह गलत और निराधार है. सीबीएसइ अपनी मान्यता वाले स्कूलों में किसी प्राइवेट पब्लिशर की पुस्तक की सिफारिश नहीं करती है. बोर्ड के एफिलिएशन बायलॉज के नियम 15.1(डी) में स्पष्ट किया गया है कि स्कूल सिर्फ एनसीइआरटी/सीबीएसइ द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम का पालन करेंगे. साथ ही जहां तक संभव हो एनसीइआरटी या सीबीएसइ द्वारा प्रकाशित पाठ्यक्रम को ही मान्य करेंगे. यह भी स्पष्ट किया गया है कि प्राइवेट पब्लिशर की पुस्तकों के चयन के दौरान स्कूल अतिरिक्त सावधानी बरतेंगे.
सीबीएसइ ने दो हजार से ज्यादा स्कूलों को भेजा नोटिस : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड(सीबीएसइ)ने कुछ जानकारियां सार्वजनिक ना करने के लिए देशभर में बोर्ड के मान्यता प्राप्त दो हजार स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. नियमों के अनुसार सभी सीबीएसइ स्कूलों को पानी के नलों की संख्या, स्पीड की जानकारी के साथ वाइ-फाइ सुविधा से लेकर हर कक्षा की मासिक फीस, दाखिला परिणाम, आरक्षित निधि और बैलेंस शीट की जानकारियां सार्वजनिक करना अनिवार्य है. स्कूलों को बोर्ड की वेबसाइट पर दिये गये लिंक के जरिए अॉन लाइन जानकारी देने को कहा गया था. साथ ही गत वर्ष अक्तूबर तक अपनी-अपनी वेबसाइटों पर भी इसकी जानकारी देने के लिए कहा गया था. बोर्ड के एक वरीय अधिकारी ने कहा, ‘दो हजार से ज्यादा स्कूलों ने इस अनिवार्य प्रकटीकरण आदेश का पालन नहीं किया. चिन्हित स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. उन्हें अंतिम मौका दिया जायेगा. जिसमें विफल रहने पर प्रत्येक स्कूल को पचास हजार रुपये का जुर्माना भरना होगा. ‘ सीबीएसइ ने स्कूलों को चेतावनी दी है कि फीस के स्वरूप से संबंधित निर्धारित नियमों का पालन करें. अधिरकारी ने कहा, ‘ फीस स्कूलों द्वारा मुहैया कराये जाने वाली सुविधाओं के अनुरूप होनी चाहिए और किसी भी तरह के उल्लंघन से गंभीरता से निबटा जायेगा.’