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निगम में शामिल गांवों को टैक्स में मिले छूट

चाहत. वार्ड संख्या तीन में सुविधाओं का अभाव, टैक्स बढ़ने पर लोगों ने कहा निगम में होल्डिंग टैक्स में अत्यधिक वृद्धि से शहर के लोग तो सशंकित हैं ही, निगम में शामिल 44 गांवों के लोग भयभीत हैं. इन गांवों के लोग आज भी खेती पर निर्भर हैं. साथ ही पानी, बिजली, सड़क, नालियां, पोल […]

चाहत. वार्ड संख्या तीन में सुविधाओं का अभाव, टैक्स बढ़ने पर लोगों ने कहा

निगम में होल्डिंग टैक्स में अत्यधिक वृद्धि से शहर के लोग तो सशंकित हैं ही, निगम में शामिल 44 गांवों के लोग भयभीत हैं. इन गांवों के लोग आज भी खेती पर निर्भर हैं. साथ ही पानी, बिजली, सड़क, नालियां,
पोल लाइट, शिक्षा, स्वास्थ्य की व्यवस्था नहीं है. वे पहले ही टैक्स की मार से परेशान थे, अब टैक्स में वृद्धि करके गरीबों को परेशान किया जा रहा है. सिर्फ होल्डिंग टैक्स की बात ही नहीं यहां दोहरा-तिहरा टैक्स लगाया जा रहा है. पानी के लिए शुल्क, सफाई के लिए सुविधा शुल्क आदि.
सुविधा मिला नहीं और टैक्स पर टैक्स निगम लगा रहा है. निगम द्वारा टैक्स वृद्धि को लेकर क्या सोचते हैं निगम में शामिल 44 गांवों के लोग. प्रस्तुत है वार्ड वाइज 44 गांवों की स्थिति और लोगों के विचार…
देवघर : नगर निगम के वार्ड संख्या तीन में गांवों को शामिल किया गया है.
यह वार्ड संपूर्ण रोहिणी गांव को जोड़ कर बनाया गया है. इसमें पांच हजार से अधिक आबादी है. वार्ड में एक हजार से अधिक होल्डिंगधारी हैं. इस वार्ड में गरीब तबके के लोगों की संख्या ज्यादा है.
वर्तमान में वार्ड की जनता मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित है. अभी भी वार्ड की कई गलियों में नाला नहीं है. रेलवे लाइन के दूसरी ओर पाइप लाइन भी नहीं बिछा है. लोग सप्लाई वाटर से वंचित हैं. होल्डिंग टैक्स में बढ़ोतरी से यहां के लोग भी परेशान हैं. कई लोग तक निगम में शामिल होकर ठगा महसूस कर रहे हैं. उनका कहना है कि इतनी आमदनी नहीं है कि बढ़ा हुआ टैक्स दे सके. इस कारण चिंता सताने लगी है.
प्राइवेट स्कूल में काम करते हैं. मासिक चार हजार रुपये मिलता है. इतने कम पैसे में परिवार का चलाना मुश्किल हो रहा है. केरोसिन तेल मिलना भी बंद हो गया है. बढ़ा हुआ टैक्स कहां से जमा करेंगे
– रंजीत सिंह
गली में एक नाला तक नहीं है. सड़क पर घर का गंदा पानी बहता है. निगम ध्यान नहीं दे रही है. लगता है कि यहां से घर-द्वार छोड़ कर कहीं दूसरी जगह चले जायें.
-नंदिनी देवी
टेंपो चला कर परिवार का भरन-पोषण कर रहे हैं. निगम में शामिल होने से कुछ नहीं मिला. केवल विकास का सपना दिखाया गया. कोई सुविधा नहीं मिली और अब टैक्स को बोझ लादा जा रहा है. -शंकर कुमार टेंपो चालक
निगम में शामिल होने के बाद से बिजली सुविधा से वंचित हैं. चार बल्ब जलाने पर साढ़े चार सौ बिल आता है. पहले 40 रुपये बिजली बिल आता था. अब टैक्स की मार सह रहे हैं. इससे अच्छा होता कि निगम से बाहर होते.
-सविता देवी
कहती हैं वार्ड पार्षद
संपूर्ण रोहिणी गांव को ही निगम में शामिल किया गया है. अभी भी लोग मूलभूत समस्या से वंचित हैं. अभी टैक्स माफ कर देना चाहिए. सुविधा देने के बाद ही टैक्स लेने पर विचार करना चाहिए.
– रीता चौरसिया, पार्षद,
वार्ड संख्या तीन

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