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एग्जाम सिर पर मगर अध्यापन के लिए नहीं हैं पर्याप्त शिक्षक

देवघर : जिले के आठ प्रखंडों में चल रहे कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में अध्ययनरत कक्षा दशम, ग्यारहवीं एवं बारहवीं की पढ़ाई के लिए स्थायी शिक्षक नहीं है. पर्याप्त संख्या में पार्ट टाइम शिक्षकों के नहीं होने के कारण विद्यालय में पठन-पाठन जैसे-तैसे चल रहा है. इधर, झारखंड अधिविद्य परिषद द्वारा वार्षिक माध्यमिक एवं […]

देवघर : जिले के आठ प्रखंडों में चल रहे कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में अध्ययनरत कक्षा दशम, ग्यारहवीं एवं बारहवीं की पढ़ाई के लिए स्थायी शिक्षक नहीं है. पर्याप्त संख्या में पार्ट टाइम शिक्षकों के नहीं होने के कारण विद्यालय में पठन-पाठन जैसे-तैसे चल रहा है. इधर, झारखंड अधिविद्य परिषद द्वारा वार्षिक माध्यमिक एवं इंटरमीडिएट की परीक्षा की तिथि जारी कर दिये जाने के बाद छात्राओं की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. झारखंड अधिविद्य परिषद द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार वार्षिक परीक्षा 16 फरवरी से आरंभ होगा.

परीक्षा सिर पर होने एवं अबतक पाठ्यक्रम पूरा नहीं होने के कारण छात्राएं परेशान हैं कि बेहतर रिजल्ट के लिए आखिर परीक्षा की तैयारी कैसे करें. स्कूलों में अध्ययनरत छात्राओं की माने तो पार्ट टाइम शिक्षक भी पाठ्यक्रम के अनुरूप पढ़ाई नहीं करा कर जैसे-तैसे करा रहे हैं. यही वजह है कि यहां के आवासीय विद्यालय होने के बाद भी यहां की छात्राएं बेहतर रिजल्ट नहीं कर पा रही हैं.

विभागीय रिपोर्ट के अनुसार जिले के सभी प्रखंडों में कक्षा छह से बारहवीं तक में नामांकित छात्राओं की संख्या 2390 है. कक्षा छह से आठवीं तक में गणित, विज्ञान, भाषा एवं सामाजिक विज्ञान में पूर्ण कालिक शिक्षिका का पंद्रह पद रिक्त पड़ा है. विद्यालय में कार्यक्रम एवं योजना के सफल संचालन के लिए नियत समय पर आवंटन उपलब्ध कराया जाता है. लेकिन, स्थायी शिक्षक नहीं होने की वजह से सरकार द्वारा दावा किये जाने वाले गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर गंभीर सवाल खड़ा हो गया है.

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