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कृषि विभाग को नहीं मिला लाभुक, सरेंडर होगा 66 लाख
देवघर: कृषि विभाग के भूमि संरक्षण कार्यालय से महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) को छोटे कृषि उपकरण बैंक योजना के तहत देवघर जिले के 37 एसएचजी योजना का लाभ पाने से वंचित हो जायेगी. छोटे कृषि उपकरण बैंक योजना के तहत कुल 43 महिला एसएचजी को 90 फीसदी अनुदान पर मिनी दाल मिल समेत कृषि […]
देवघर: कृषि विभाग के भूमि संरक्षण कार्यालय से महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) को छोटे कृषि उपकरण बैंक योजना के तहत देवघर जिले के 37 एसएचजी योजना का लाभ पाने से वंचित हो जायेगी. छोटे कृषि उपकरण बैंक योजना के तहत कुल 43 महिला एसएचजी को 90 फीसदी अनुदान पर मिनी दाल मिल समेत कृषि उपकरण में पावर ट्रीलर, रोटरी ट्रीलर, शीड ट्रीटमेंट ड्रम आदि दिये जाने की योजना है. इसमें प्रति एसएचजी को 1.80 लाख रुपये तक की अनुदान राशि दिये जाने की योजना है.
विभाग की ओर जारी राज्यादेश में स्पष्ट किया गया है कि महिला एसएचजी का निबंधन झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसायटी (जेएसएलपीएस) से अनिवार्य है. इस मापदंड के अनुसार भूमि संरक्षण कार्यालय को पूरे जिले में केवल पालोजोरी प्रखंड में छह एसएचजी जेएसएलपीएस से निबंधित पाया गया. अब शेष 37 एसएचजी पूरे जिले में खोजबीन के बाद भी जेएसएलपीएस से निबंधित नहीं पायी गयी. इस वजह से विभाग का 66 लाख रुपये सरेंडर हो जायेगा. केवल पालोजाेरी प्रखंड के छह एसएचजी को ही यह लाभ मिल पायेगा.
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की थी योजना : भूमि सरंक्षण कार्यालय से मिनी दाल मिल की स्थापना कर एसएचजी की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की योजना थी. मिनी दाल मिल व कृषि उपकरणों का प्रयोग कर किराये से प्राप्त होने वाली राशि से एसएचजी की महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकती है. इससे बीपीएलधारी महिलाओं का जीवनस्तर बढ़ाने की योजना है.
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