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अनियंत्रित सुगर बन रहा अंधापन का कारण

देवघर : विश्व मधुमेह दिवस पर एसोसिएशन ऑफ फिजिशियंस ऑफ इंडिया व आइएमए के संयुक्त तत्वावधान में स्थानीय एक होटल में सीएमइ (कंटीन्यूड मेडिकल एजुकेशन) का आयोजन किया गया. इस अवसर पर शहर के चिकित्सकों को डायबिटीज से आंख पर पड़ने वाले प्रभाव पर महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी. कार्यक्रम में एसोसिएशन के झारखंड चेप्टर के […]

देवघर : विश्व मधुमेह दिवस पर एसोसिएशन ऑफ फिजिशियंस ऑफ इंडिया व आइएमए के संयुक्त तत्वावधान में स्थानीय एक होटल में सीएमइ (कंटीन्यूड मेडिकल एजुकेशन) का आयोजन किया गया. इस अवसर पर शहर के चिकित्सकों को डायबिटीज से आंख पर पड़ने वाले प्रभाव पर महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी. कार्यक्रम में एसोसिएशन के झारखंड चेप्टर के चेयरमैन डॉ एनके सिंह ने कहा कि भारत में लोगों का अनियंत्रित सुगर ही आंखों के अंधापन का कारण बनता जा रहा है. हर साल डायबिटीज मरीजों की फंडोस्कोपी जांच होनी चाहिये.
नियंत्रण में दवाइयों के अलावा प्रोपर डायट, एक्सरसाइज, वाकिंग, साइक्लिंग सहित शारीरिक कार्यों पर ही विशेष ध्यान देने की जरुरत है. इससे डायबिटीज को कम भी किया जा सकता है. वहीं लोग इस बीमारी से भी बच सकते हैं. उन्होंने कहा कि समय के अनुरुप डायबिटीज की बीमारी में बदलाव भी हुआ है. पहले बड़ों को जिस तरह की डायबिटीज होती थी, वह अब बच्चों व कम उम्र में भी होने लगा है. लोगों के लाइफस्टाइल में बदलाव हुआ. फास्ट फूड का चलन बढ़ा. लोग फिजिकल वर्क नहीं करना चाहते. डायट में परिवर्तन कर लिये हैं. इससे भी हाइसूगर से पीड़ित हो रहे हैं. शहरी लोगों के बीच डायबिटीज का रेसियो 18 से 25 प्रतिशत है, जबकि ग्रामीणों में 12 से 15 प्रतिशत है.
दिन-प्रतिदिन डायबिटीज को लेकर पूरी दुनियां में भी रिसर्च हो रहा है. दवाओं में बदलाव होता है, जो जानकारियां डॉक्टरों को भी बहुत ही कम मिल पाती है. सीएमइ का उद्देश्य है कि दवा व उपचार में होने वाले बदलाव से डॉक्टरों को अवगत कराना. डॉ सिंह ने कहा लोग कम से कम रोजाना 40 मिनट फास्ट वाक करें. डायबिटीज पीड़ित चीनी-मैदा का त्याग करें. कागजी बादाम, दालचीनी, अखरोट, टमाटर, बिट्स सहित सुपर फूड का सेवन कर डायबिटीज से बच सकते हैं. डायबिटीज की आधुनिक दवाओं के बारे में भी उन्होंने विस्तारपूर्वक चर्चा की.
एसोसिएशन के सचिव डॉ वीएसवी प्रसाद ने हायपर थयरोवाइड की बीमारी में हृदय की समस्याओं पर प्रकाश डाला. रांची के प्लास्टिक सर्जन डॉ अनंत सिन्हा ने डायबिटीज से पैरों में होने वाले जख्म के प्रकार व उपचार के बारे में जानकारी दी. पटना से आये डॉ राजन चौधरी ने किन परिस्थितियों में छाती के एक्सरे के बाद सिटी स्कैन कराना चाहिये, इस पर विस्तारपूर्वक चर्चा की. सीएमइ में देवघर आइएम के सचिव डॉ शत्रुघ्न सिंह, डॉ बीपी सिंह, डॉ प्रभात रंजन, डॉ अविनाश कुमार सिंह, डॉ गौरीशंकर व अन्य मौजूद थे.

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