देवघर: इन दिनों रजिस्ट्री ऑफिस में जमीन खरीदार व बिक्री करनेवालों की भीड़ लगी रहती है. ऑफिसर आवर के बाद भी रात आठ बजे तक रजिस्ट्री ऑफिस में भीड़ लगी रहती है. इस एनओसी प्रक्रिया से जहां आम लोगों को अंचल से लेकर अनुमंडल कार्यालय में गुजरने से राहत मिली है, वहीं भू-माफियों की इससे चांदी हो गयी है.
देवघर में भूमि घोटाला उजागर होने के बाद कल तक जो भू-माफिया अंडर ग्राउंड हो गये थे, वे अब रजिस्ट्री ऑफिस के बाहर घंटों खड़े रहते हैं. कई भू-माफिया मांद से बाहर निकल चुके हैं. देवघर में जमीन की खरीद-बिक्री का ग्राफ एक बार फिर कैसे बढ़ा रहा है,यह रजिस्ट्री ऑफिस के आंकड़े बता रहे हैं.
600 भू-खंड की रजिस्ट्री
अधिकारियों ने अपने तरीके से देवघर की जमीन पर एनओसी प्रक्रिया लागू कर जमीन की रजिस्ट्री में अपना पावर दिखाया. बाद में यही एनओसी ही देवघर भूमि घोटाला का बड़ा कारण बन कर सामने आया तो जिला प्रशासन ने तत्काल एनओसी पर रोक लगा दी. एनओसी पर रोक लगने से देवघर में जमीन की रजिस्ट्री थम सी गयी थी.
इस दौरान सरकार को लगभग दस करोड़ के आसपास का राजस्व नुकसान हुआ. हाइकोर्ट के निर्देश के बाद पिछले ढ़ाई माह से देवघर में जमीन की रजिस्ट्री बिना एनओसी का हो रहा है. बिना एनओसी प्रक्रिया में देवघर में बेहताशा जमीन की रजिस्ट्री हो रही है. इस ढ़ाई माह के अंतराल में सरकार को लगभग दो करोड़ के राजस्व का फायदा हुआ है. 600 के आसपास भू-खंडों की रजिस्ट्री हुई है. इसमें केवल अप्रैल माह में 385 भू-खंडों की रजिस्ट्री हुई.