समस्या के कारण लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर था. सब यही कहे जा रहे थे कि श्रावणी मेला समाप्त होने के बाद से जिला प्रशासन के आलाधिकारी पुरस्कार बटोरने व अपनी पीठ थपथपाने में ही मस्त हैं.
देवघर के अधिकारियों ने आम जनता को भगवान भरोसे सड़क पर छोड़ दिया है. आंकड़े बतातें है कि शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू ढंग से संचालित करने के लिए एक डीएसपी, दो हवालदार समेत कुल 79 पुलिस कर्मियों को हर चौक-चौराहों पर बने पोस्ट पर डयूटी में लगाया गया है. मगर दुर्भाग्य इस जाम में वे कहीं नजर नहीं आ रहे थे. जबकि धूप व गरमी के बीच छुट्टियों के बाद स्कूल से निकले छोटे-छोटे स्कूली बच्चों से लेकर एंबुलेंस पर तड़पते मरीज तक कराह रहे थे. मगर जाम के आगे सभी लाचार व बौने लग रहे थे. आखिरकार लगभग एक घंटे के बाद जाम टूटा तो राहगीरों ने राहत की सांस ली अौर अपने गंतव्य की अोर आगे बढ़ गये. हालांकि इस बीच जाम में स्कूल-कॉलेज के छात्र-छात्राअों के साथ रोजोना अॉफिस जाने वाले अधिकारी व कर्मचारी के साथ आम शहरी जाम छूटने का इंतजार करते रहे.