देवघर: देवघर रजिस्ट्री ऑफिस में पिछले एक माह से जमीन की रजिस्ट्री रुकने से सरकार को लाखों का राजस्व नुकसान हो रहा है. देवघर रजिस्ट्री ऑफिस के आंकड़ों के अनुसार प्रत्येक माह देवघर में औसतन 125 से 150 की संख्या में रजिस्ट्री होती थी. इसमें सरकार को 30 से 40 लाख रुपये तक राजस्व प्राप्त होता रहा है.
लेकिन पिछले एक माह से जमीन की रजिस्ट्री रुकने से सरकार को लगभग 40 लाख रुपये प्रत्येक माह नुकसान उठाना पड़ रहा है. बताया जाता है कि पिछले दिनों जमीन की गलत रजिस्ट्री न हो जाये इस कारण उपायुक्त के मौखिक आदेश पर अजिर्त बसौड़ी, लाखराज, कामत व बकास्त प्रकृति की जमीन का देवघर रजिस्ट्री ऑफिस में रजिस्ट्री पर तत्काल रोक लगायी गयी थी.
इसके रजिस्ट्रार द्वारा कोई भी जमीन की रजिस्ट्री देवघर में नहीं हो रही है. इससे पहले देवघर भूमि घोटाला उजागर होने के बाद तत्कालीन डीसी द्वारा जमीन की एनओसी व रजिस्ट्री पर रोक लगा दी गयी थी. इसमें सरकार को लगभग 10 करोड़ रुपये का नुकसान उठाने की बात सामने आयी थी. 2013 में हाइकोर्ट की सख्ती पर पुन: देवघर में जमीन की रजिस्ट्री चालू हुई लेकिन दिसंबर 2013 के अंतिम सप्ताह से जमीन की रजिस्ट्री रुकी पड़ी है. कयास लगाया जा रहा था कि जमीन की रजिस्ट्री रुकने के कारण तत्कालीन रजिस्ट्रार वैभव मणी त्रिपाठी का तबादला भी था लेकिन 25 जनवरी को नये रजिस्ट्रार प्रफुल कुमार द्वारा योगदान देने के बावजूद जमीन की रजिस्ट्री चालू नहीं हुई.
मधुपुर में जमीन की रजिस्ट्री जारी
मधुपुर रजिस्ट्री ऑफिस में जमीन की रजिस्ट्री जारी है. यहां कोई रोक नहीं है. मधुपुर अनुमंडल क्षेत्र के बसौड़ी, अजिर्त बसौड़ी, लाखराज, कामत व बकास्त प्रकृति की जमीन की रजिस्ट्री जारी है. सरकार को यहां से राजस्व प्राप्त हो रहा है.