संयुक्त सचिव यतींद्र प्रसाद द्वारा डीडीसी को भेजी गयी पत्र के अनुसार विधायक योजना की मार्गदर्शिका में प्रावधान है कि इस योजना के अंतर्गत निर्माण कार्यों का निष्पादन विभागीय तौर पर ही विभिन्न प्रखंड प्रशासन, कार्यों विभागों, स्थानीय निकायों, विद्युत बोर्ड के संबंधित कार्य प्रमंडल द्वारा कराया जायेगा. झारखंड कोषागार संहिता 2016 के नियम के अनुसार एनआरइपी कार्य प्रमंडल के रूप में सूचीबद्ध नहीं है. नियमाें के अनुसार कार्य एक डिपोजिट शीर्ष से राशि दूसरे डिपोजिट शीर्ष से स्थानांतरित नहीं की जा सकती है, डिपोजिट शीर्ष से राशि मात्र कार्य उपरांत पारित विपत्र के विरुद्ध ही निकाला जा सकता है. संयुक्त सचिव ने डीडीसी को विधायक योजना के कार्य संपादन का चयन एनआरइपी को एजेंसी के रुप में नहीं किये जाने का निर्देश दिया है. चूंकि राशि ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के डिपोजिट शीर्ष में जमा है, इसलिए योजना का कार्यान्वयन की जिम्मेवारी इन्हें ही दिया जाना उचित होगा.
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कोषागार नियमों के विरुद्ध विधायक योजना का भुगतान
देवघर: देवघर में विधायक योजना व मुख्यमंत्री विकास योजना का संचालन नियमों के विरुद्ध हो रहा है. ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त सचिव यतींद्र प्रसाद ने पांच अगस्त को पत्रांक 12 में डीडीसी को पत्र भेजकर योजना के भुगतान पर आपत्ति दर्ज की है. संयुक्त सचिव के अनुसार देवघर में कोषागार संहिता के नियमों के […]
देवघर: देवघर में विधायक योजना व मुख्यमंत्री विकास योजना का संचालन नियमों के विरुद्ध हो रहा है. ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त सचिव यतींद्र प्रसाद ने पांच अगस्त को पत्रांक 12 में डीडीसी को पत्र भेजकर योजना के भुगतान पर आपत्ति दर्ज की है. संयुक्त सचिव के अनुसार देवघर में कोषागार संहिता के नियमों के विरूद्ध कार्यकारी एजेंसी एनआरइपी के जरिये योजना का कार्य संपादित किया जा रहा है.
पिछले दिनों संयुक्त सचिव को विशेष प्रमंडल के प्रमंडलीय लेखा पदाधिकारी ने पत्र भेजकर कहा था कि विधायक योजना व मुख्यमंत्री विकास योजना के कार्यों का संपादन की जिम्मेवारी एनआरइपी के कार्यपालक अभियंता को दी गयी है, किंतु उक्त योजना के कार्यों का भुगतान की जिम्मेवारी विशेष प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को दी गयी है, जो नियमाें के विरूद्ध है.
जिला परिषद को भी विधायक फंड
विधायक योजना के कार्य संपादन की जिम्मेवारी एनआरइपी के अलावा जिला परिषद को भी दी गयी है. जिला परिषद भी झारखंड कोषागार संहिता 2016 के नियम के अनुसार कार्य प्रमंडल के रूप में सूचीबद्ध नहीं है. इसमें देवघर व सारठ विधानसभा का एनआरइपी व मधुपुर विधानसभा का जिला परिषद तथा जरमुंडी विधानसभा विशेष प्रमंडल को योजना दी गयी है. अब तक केवल देवघर विधानसभा के योजनाओं की राशि का भुगतान हुआ है. सारठ व मधुपुर विधानसभा की योजनाओं की अनुशंसा केवल हुई है. इसमें अब तक भुगतान नहीं हुआ है. संयुक्त सचिव के पत्र के बाद नियमानुसार योजना का संपादन वापस विशेष प्रमंडल को जा सकती है.
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