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सीबीआइ की चार्जशीटेड जमीन में अवैध निर्माण पर कार्रवाई, डहुआ के छह लोगों को नोटिस

देवघर: मोहनपुर अंचल के गौरा मौैजा में सीबीआइ की चार्जशीटेड जमीन की घेराबंदी व अवैध निर्माण कार्य करने वालों पर कार्रवाई शुरू हो गयी है. सीबीअाइ मुख्यालय को प्राप्त हुुई सूचना के बाद सरकरी की ओर से अंचलाधिकारी ने छह लोगों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. जिन लोगों को नोेटिस भेजा गया है उनमें […]

देवघर: मोहनपुर अंचल के गौरा मौैजा में सीबीआइ की चार्जशीटेड जमीन की घेराबंदी व अवैध निर्माण कार्य करने वालों पर कार्रवाई शुरू हो गयी है. सीबीअाइ मुख्यालय को प्राप्त हुुई सूचना के बाद सरकरी की ओर से अंचलाधिकारी ने छह लोगों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. जिन लोगों को नोेटिस भेजा गया है उनमें डहुआ गांव के भोला मिश्रा, पंचानंद मिश्रा, बबम शंकर मिश्रा, सहदेश मिश्रा, प्रेमशंकर दास व नागेश्वर दास हैं.
मोहनपुर अंचल कार्यालय से 22 जुलाई को उक्त लोेगों को नोेटिस भेजकर कहा गया है कि आपलोगों द्वारा सीबीआइ जांच के दायरे वाली कुल 50 एकड़ जमीन जो खतियान में परती कदीम कहकर दर्ज है उसका जेसीबी व ट्रैक्टर के जरिये अतिक्रमण करते हुए अवैध रुप से कार्य कराया जा रहा है. इसलिए आपलोगों को आदेश दिया जाता है कि किये गये अवैध कार्य को अविलंब बंद करते हुए वर्णित भूमि के संबंध में आपके पास कोई दस्तावेज उपलब्ध है तो तीन अगस्त तक अंचल कार्यालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखना सुनिश्चित करें अन्यथा आपलोगों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं के साथ मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई होगी. सीआइ गौरी शंकर रजक ने जांच कर पिछले दिनों रिपोर्ट दी थी. इसमें ट्रैक्टर का नंबर भी दिया गया है. जल्द ही सीआइ द्वारा विराजपुर मौजा में भी सीबीआइ की चार्जशीटेड जमीन की भौतिक जांच रिपोर्ट सौंपी जायेेगी.
नन-सेलेबुल के नाम पर हो रही ठगी
गौरा मौजा में करीब 110 एकड़ जमीन की एनओसी 2007 में तत्कालीन सीओ वीरेंद्र कुमार राय ने एक ही दिन महेश्वरी देवी के नाम से जारी कर दिया था व उसी आधार पर जमीन की रजिस्ट्री विभिन्न लोगों के नाम से की गयी थी. गौरा मौजा में सीबीआइ की चार्जशीटेड इस जमीन को इन दिनों नन-सेलेबुल कहकर लोगों को ठगा जा रहा है.

बाहर के लोगों से मोटी रकम लेकर जमीन की घेराबंदी करायी जा रही है, जबकि उन्हें इस बात से अनिभिज्ञ रखा गया है कि इस जमीन का केस सीबीआइ कोर्ट में विचाराधीन है. बताया जाता है कि प्रशासन की ओर से सीबीआइ की चार्जशीटेड जमीन पर अवैध निर्माण करने वालों को नामों की सूची सीबीआइ को भी सौंपी जा सकती है. इन लोगों पर भी सीबीआइ की गाज गिर सकती है, साथ ही उक्त जमीन को लेकर सीबीआइ व कोर्ट के समक्ष अलग-अलग बयान देने वाले भी कानूनी पेच में फंस सकते हैं.

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