देवघर: सारवां थाना क्षेत्र के पांचूडीह गांव में हुई विनोद वर्मा की हत्या मामले में अदालत ने आरोपित दंपति दीपक वर्मा उर्फ दीपन वर्मा व सुलेखा देवी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह फास्ट ट्रैक कोर्ट संख्या दो ओम प्रकाश सिंह की अदालत ने सेशन केस नंबर 201/11 राज्य बनाम दीपक वर्मा की सुनवाई के बाद दोनों को दोषी करार दिया.
उन्हें पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है. जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी.
क्या था मामला : घटना 18 नंवबर, 2010 की है.
दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, सारवां थाना क्षेत्र के पांचूडीह गांव में विनोद वर्मा खेत में काम करने गया था. उसकी पत्नी सुलेखा देवी घर में थी. आपस में मामूली विवाद हुआ, जिसमें सुलेखा को उनकी गोतनी सुलेखा देवी व देवर दीपक वर्मा ने पिटाई कर दी. पति खेत से लौटा तो उनकी पत्नी ने घटना की जानकारी दी. इसकी जानकार लेने जब विनोद गया, तो दोनों आरोपितों ने चाकू से उसे जख्मी कर दिया. जख्मी विनोद के चिल्लाने पर पत्नी (सुलेखा देवी) बचाने गयी तो उन्हें भी चाकू से वार कर जख्मी कर दिया. घटना में विनोद वर्मा की मौत हो गयी. इस मामले में मृतक की पत्नी सुलेखा देवी के बयान पर सारवां थाना कांड संख्या 154/10 दर्ज किया गया तथा गोतनी सुलेखा देवी व देवर दीपक वर्मा को आरोपित बनाया गया था. आरोप पत्र दाखिल करने के बाद मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रायल के लिए भेजा गया. दोनों आरोपितों को भादवि की धारा 302, 324 एवं 34 का दोषी पाया गया. अभियोजन पक्ष से अपर लोक अभियोजक काशीनाथ सिंह ने नौ गवाहों को प्रस्तुत किया. बहस अपर लोक अभियोजक ब्रह्नादेव पांडेय ने किया, जबकि बचाव पक्ष से एडवोकेट सुभाष चंद्र राय ने पक्ष रखा.
जिन्हें मिली है सजा
1. दीपक वर्मा उर्फ दीपन वर्मा
2.सुलेखा देवी