देवघर: पंचायतीराज के प्रतिनिधि अपने अधिकारों को लेकर अक्सर आवाज उठाते रहते हैं, समय-समय पर आंदोलन तक भी हुआ है. फिर भी पंचायतीराज को दिये जानेवाली विकास राशि समय पर खर्च नहीं हो पाती है.
देवघर में ग्रामीण क्षेत्रों के आधारभूत संरचना को ठोस करने लिए 13वें वित्त आयोग से पंचायत समिति व ग्राम पंचायत को वित्तीय वर्ष 2010-11 से अब तक भेजी गयी राशि में से लगभग छह करोड़ रुपये खर्च नहीं हो पाया है. दो अप्रैल 2013 को डीडीसी शशि रंजन प्रसाद सिंह ने सभी बीडीओ को पत्र भेज कर एक माह में राशि खर्च करने का निर्देश दिया था. बावजूद राशि खर्च नहीं हुई व प्रखंडों में जस की तस पड़ी हुई है.
प्रमुख व मुखिया पर जिम्मेवारी
राशि खर्च करने के लिए पंचायत समिति में प्रमुख की अध्यक्षता में बैठक आयोजित कर आवश्यक योजनाओं का चयन करना है, जबकि ग्राम पंचायत में मुखिया की अध्यक्षता में पंचायत कार्यकारिणी बैठक कर योजनाओं को पारित करना है. इसके बाद ही राशि खर्च हो पायेगी. मगर 10 प्रखंड(पंचायत समिति) में राशि कुल दो करोड़ व ग्राम पंचायत में चार करोड़ की राशि खर्च किये जाने का उपयोगिता प्रमाण पत्र अब तक जिले को नहीं मिला है.
अगला किस्त रुका
पूर्व में प्रखंड व पंचायत को भेजी गयी विकास राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं मिलने से पंचायत समिति को 49 लाख 54,400 व ग्राम पंचायत को 68 लाख, 14, 713 रुपये विभाग ने रोक लगा दी है. पूर्व में दिये गये राशि खर्च होने के बाद ही अगली राशि जिले विमुक्त होगा. डीडीसी ने 15 दिनों के अंदर राशि खर्च करने उपयोगिता प्रमाण पत्र मांगा है.
इन सुविधाओं से हुए वंचित
पंचायत समिति से अलग-अलग गांव में पीसीसी रोड, नाला, सामूहिक शौचालय, ग्राम चौपाल व प्रखंड मुख्यालय में सदस्यों के बैठक का भवन समेत ग्राम पंचायत में पंचायत कार्यालय में कुरसी, कंप्यूटर, एलसीडी, जेनरेटर, इनवर्टर, पंचायत कार्यालय में वेटिंग रूम में बैठने की व्यवस्था व ग्राम सभा के लिए दरी की खरीदारी करनी थी.