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अभियान: मुख्यमंत्री जन-वन योजना से होगी पर्यावरण संतुलन की कोशिश, अपनी जमीन पर लगायें पौधा

देवघर: सरकार ने हरित प्रदेशों के क्षेत्र में वृद्धि कर पर्यावरण संतुलन के लिए मुख्यमंत्री जन-वन योजना की स्वीकृति दी है. इस योजना का उद्देश्य है कि वृक्षारोपन के द्वारा भूगर्भीय जलस्तर को मानक गहराई तक बनाये रखा जाये तथा वर्षा की मात्रा में वृद्धि की जाये. इस योजना के क्रियान्वयन से लोगों को वृक्षारोपण […]

देवघर: सरकार ने हरित प्रदेशों के क्षेत्र में वृद्धि कर पर्यावरण संतुलन के लिए मुख्यमंत्री जन-वन योजना की स्वीकृति दी है. इस योजना का उद्देश्य है कि वृक्षारोपन के द्वारा भूगर्भीय जलस्तर को मानक गहराई तक बनाये रखा जाये तथा वर्षा की मात्रा में वृद्धि की जाये. इस योजना के क्रियान्वयन से लोगों को वृक्षारोपण के द्वारा आय का स्रोत प्रदान करना है तथा मिट्टी सरंक्षण को भी बढ़ावा देना है.
पौधों के संरक्षण व संवर्धन के लिए मिलेगा अनुदान
वन विभाग द्वारा पौधा उपलब्ध कराये जाने पर प्रति कास्ठ उत्पादक पौधों के संरक्षण, संवर्धन आदि के लिए प्रथम वर्ष 1100 रुपये एवं द्वितीय तथा तृतीय वर्ष क्रमश: 700-700 रुपये का प्रोत्साहन राशि निर्धारित है. इसी प्रकार फलदार वृ़क्ष के लिए प्रथम वर्ष 4600 रुपये, द्वितीय वर्ष 1000 रुपये तथा तृतीय वर्ष के लिए 1100 रुपये का अनुदान निर्धारित है.
एक से 50 एकड़ तक जमीन पर कर सकते हैं पौधरोपण
कास्ठ उत्पादक पौधों में शीशम, गम्हार, महोगनी आदि तथा फलदायक वृक्ष में आम, अमरुद, लीची, कटहल आदि का पौधरोपण करना है. कास्ठ उत्पादक पौधों के लिए 30 सेमी गुणा 30 सेमी तथा फलदायक वृक्षों के लिए 60 सेमी गुणा 60 सेमी का गड्ढा करना है. कास्ठ उत्पादक पौधों के बीच 3 मी गुणा 3 मी तथा फलदायक वृक्ष के बीच 5 मी गुणा 5 मी की दूरी रखनी है. कास्ठ उत्पादक पौधे के आरोपण की संख्या एक एकड़ के लिए 445 तथा फलदायक वृक्ष के लिए 160 निर्धारित है. किसान न्यूनतम एक एकड़ तथा अधिकतम 50 एकड़ में पौधरोपण कर सकते है.
खुद पौधा लगाये तो अधिक अनुदान
अपने से पौधा लगाने पर कास्ठ उत्पादक पौधों के लिए प्रति पौधा प्रथम वर्ष के लिए 2100 रुपये तथा द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के लिए क्रमश: 700- 700 रुपये का अनुदान निर्धारित है. इसी प्रकार फलदार वृक्ष के लिए प्रथम वर्ष 7100 रुपये, द्वितीय वर्ष 1000 रुपये एवं तृतीय वर्ष 1100 रुपये अनुदान निर्धारित है.
डीएफओ ने कहा
इस योजना के तहत किसान सामाजिक वानिकी कार्यालय में आवेदन जमा कर सकते हैं. इसकी जांच अंचल कार्यालय से करायी जायेगी. जमीन संबंधी सत्यापन होने के बाद किसानों को अनुदान राशि दी जायेगी. किसान रेंजर व फॉरेस्टर के पास भी आवेदन दे सकते हैं.

ममता प्रियदर्शी, डीएफओवन विभाग को दें आवेदन
इसके लिए किसानों को विहित प्रपत्र में वन विभाग में आवेदन करना होगा. जिसमें मुख्य रूप से संबंधित भूमि पर आवेदक के स्वामित्व एवं कब्जा संबंधी अंचलाधिकारी का प्रमाण–पत्र, अनुबंध पत्र तथा अनुदानित राशि की प्राप्ति के लिए बैंक खाता की छाया प्रति संलग्न होना चाहिए. पौधरोपण मेड़ एवं समतल भूमि पर किए जाने का प्रावधान है. समतल भूमि पर ब्लाक में तथा मेड़ पर रैखिक रुप से पौधरोपण करना है.
निजी जमीन पर वन विभाग का पौधरोपण करें तो मिलेगी लागत की 50% राशि
इस योजना के तहत यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से प्रक्रिया के तहत वन विभाग द्वारा निर्धारित प्रजातियों के पौधों को लगाता है तो सरकार इसमें लागत का 50% राशि देगी. निजी जमीन पर पौधरोपण से मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए लकड़ी की जरूरत पूरी होगी वहीं वन्य उत्पाद से किसानों की आय में भी वृद्धि होगी.

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