देवघर: मोहनपुर प्रखंड स्थित मोरने गांव में मनरेगा से छह माह पूर्व नवनिर्मित कुआं पूरी तरह धंस गया. एक लाख, 60 हजार की लागत से तैयार मनरेगा का यह सिंचाई कूप फाइनल कर राशि की निकासी कर ली गयी है. लेकिन नव निर्मित कुआं की गुणवत्ता इतनी घटिया थी कि पूरा का पूरा कुआं जमीन के नीचे भराभरा कर चला गया है. इसकी सूचना पहले प्रखंड के बीपीओ को मौखिक रूप से दी गयी थी, बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई. सूचना मिलने के बाद भी प्रखंडों के पदाधिकारियों ने मामले में लीपापोती करने का प्रयास किया. इन दिनों मनरेगा की केंद्रीय जांच टीम का दौरा शुरू होने की खबर मिलने के बाद स्थानीय ग्रामीणों ने मामले को उजागर किया. वित्तीय वर्ष 2010-11 में स्वीकृत कुआं का निर्माण कार्य काफी धीरे-धीरे हुआ. इस कारण छह माह पहले ही कार्य पूर्ण हुआ.
जांच के बाद दोषियों पर होगी कार्रवाई तय : डीडीसी : डीडीसी शशि रंजन प्रसाद सिंह ने जल्द ही बीडीओ कूप का अभिलेख मंगवाया जायेगा. तकनीकी टीम से गुणवत्ता व जोड़ाई कार्य की जांच करवायी जायेगी. जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई तय है.
मुझे सूचना नहीं: बीडीओ : बीडीओ प्रेमलता मुमरू ने कहा कि कूप धंसने की सूचना मुझे नहीं मिली है. शायद यह मामला मेरे कार्यकाल से पहले की है. बावजूद यह गंभीर मामला है. इसकी भौतिक जांच करवायी जायेगी.
फिर बनाया जायेगा कूप : पंचायत सचिव : मोरने के पंचायत सचिव भाग्यधर पॉल ने कहा कि कूप बरसात के दिनों में ही काफी हद तक धंस गया था. इसकी सूचना बीपीओ को दी थी. बीपीओ की सहमति से कूप का दोबारा निर्माण कराने का निर्णय लिया गया है. जल्द ही कार्य चालू किया जायेगा.