देवघर: भीषण गरमी त्रिकुट पहाड़ के बंदरों के लिए जान का खतरा बन गयी है. गरमी व धूप से त्रिकुट पहाड़ का फलदार व जड़ी-बूटी के पेड़-पौधे सूख चुकी है.
इससे बंदरों के समक्ष भोजन के लाले पड़े हुए हैं. पिछले दिनों आइएएस सजल चक्रवर्ती व पर्यटन विभाग के निदेशक एस त्रिपाठी ने बंदरों की स्थिति को देखते हुए वन विभाग व रोप-वे प्रबंधन को प्रत्येक दिन गेहूं व चना बंदरों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था.
वन विभाग से गेहूं तो बंदरों को सुबह मिल रहा है, परंतु रोप-वे की ओर से चना प्रत्येक दिन नहीं मिल पा रहा है. पर्याप्त भोजन नहीं मिलने से बंदर कुपोषण के शिकार हो रहे हैं. दिनों-दिन बंदर बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं. बंदरों को पर्याप्त मात्र में पानी भी नहीं मिल रहा है.