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कैसे पूरा होगा आदर्श पंचायत का सपना

देवघर: जिले में पंचायत को पंचायत सचिवालय व ई-पंचायत बनाने की बात हो रही है. इसके लिए जिले के कुल 194 पंचायतों में पंचायत भवन जल्द से जल्द तैयार करने के लिए देवघर से रांची तक विभागों में हाय-तौबा मची रहती है. जिले के 40 फीसदी पंचायत भवन अब तक पूरा नहीं हुआ है. पलोजोरी, […]

देवघर: जिले में पंचायत को पंचायत सचिवालय व ई-पंचायत बनाने की बात हो रही है. इसके लिए जिले के कुल 194 पंचायतों में पंचायत भवन जल्द से जल्द तैयार करने के लिए देवघर से रांची तक विभागों में हाय-तौबा मची रहती है. जिले के 40 फीसदी पंचायत भवन अब तक पूरा नहीं हुआ है. पलोजोरी, देवीपुर, मोहनपुर व देवघर प्रखंड में अब भी पंचायत भवन अन्य सरकारी भवनों में चलता है.

जिले में जिप सदस्यों व प्रमुख के गृह पंचायतों को आदर्श पंचायत बनाने का लक्ष्य रखा गया है. मगर पंचायतीराज में सर्वोच्च पद पर आसीन जिला परिषद चेयरमैन किरण कुमारी के गृह पंचायत में ही अपना पंचायत भवन प्रशासन तैयार नहीं किया है. मोहनपुर प्रखंड स्थित घुठियाबड़ा असहना पंचायत जिला परिषद चेयरमैन का गृह पंचायत है.

घुठियाबड़ा असहना पंचायत कार्यालय इन दिनों मोरने पंचायत के पथलचप्टी स्कूल में संचालित हो रहा है. पथलचप्टी स्कूल घुठियाबड़ा असहना पंचायत मुख्यालय से पांच किलोमीटर दूर है. आम लोगों को भी इससे परेशानी हो रही है. सिमरजोर के अशोक मंडल व ललन कुमार आदि का कहना है कि पंचायतीराज में भी कार्यो के प्रति प्रशासन गंभीर नहीं है, चेयरमैन के गृह पंचायत में जब पंचायत भवन नहीं बन पाया तो दूसरे पंचायतों में कैसे स्थिति होगी.

एक वर्ष से निर्माण कार्य बंद
बीआरजीएफ से घुठियाबड़ा असहना पंचायत भवन का निर्माण कार्य दो वर्ष पूर्व शुरू हुआ था. मगर पिछले एक वर्ष पंचायत भवन का कार्य अधूरा पड़ा है. भवन की ढलाई भी अभी नहीं हुई है. जबकि पास में ही एक सुंदर स्वास्थ्य केंद्र भवन व राजीव गांधी बुनियादी सुविधा केंद्र भवन उदघाटन के इंतजार में है. बावजूद पंचायत भवन दूसरे पंचायत के स्कूल में चल रहा है.

डीडीसी ने दी है जेइ पर प्रपत्र ‘क’ गठन करने का निर्देश :
घुठिया बड़ा समेत मोरने, सुअरदेही, बलथर व चकरमा पंचायत भवन का एग्रीमेंट मोहनपुर के जेइ संतोष कुमार सिंह के नाम से है. कार्य में शिथिलता बरतने पर डीडीसी शशि रंजन प्रसाद सिंह ने जेइ संतोष के खिलाफ प्रपत्र ‘क’ गठन कर प्रस्ताव भेजने का निर्देश तत्कालीन बीडीओ को दिया था. बावजूद में कार्य में तेजी नहीं आने व प्रपत्र ‘क’ गठन नहीं होने पर डीडीसी ने 11 मई को दोबारा जेइ के मामले में बीडीओ से रिपोर्ट मांगी है.

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