देवघर: नववर्ष के पहले ही दिन बिजली संकट ने लोगों को खूब रूलाया. लोड शेडिंग होने के बाद भी दिन के वक्त लोगों को ज्यादा मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ा. लेकिन, शाम होते ही अंधेरा का असर होने लगा.
बिजली संकट से जूझते लोगों को घरों में रोशनी के लिए खूब मशक्कत करनी पड़ी. जहां इंवर्टर अथवा जेनेरेटर की व्यवस्था थी वहां बिजली संकट का ज्यादा असर नहीं दिखा. लेकिन आमलोगों को काफी परेशानी हुई. पावर ग्रिड के अनुसार बुधवार की शाम तक एनटीपीसी दुमका एवं सुलतानगंज से कुल 40 मेगावाट बिजली की आपूर्ति हो रही थी. जबकि डीवीसी से सिर्फ रेलवे को ट्रैक्शन दिया जा रहा था. विभाग की मानें तो देवघर में कुल बिजली की खपत 75 मेगावाट है.
लेकिन आपूर्ति महज 50 फीसदी होने से संकट गहरा गया है. बिजली संकट का असर रोजमर्रा के कामकाजों के अलावा उद्योग, बाजार, स्वास्थ्य सेवाओं पर भी पड़ रहा है. बिजली विभाग के पदाधिकारी भी आपूर्ति सामान्य होने के बारे में सही-सही जानकारी नहीं दे पा रहे हैं. ऐसे में उपभोक्ताओं की मुश्किलें बढ़ गयी है.