देवघर: विश्व बैंक की पांच सदस्यीय टीम को-अॉर्डिनेटर स्नेहू वांग के नेतृत्व में देवघर पहुंची. टीम ने देवघर सर्किट हाउस में नगर निगम के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक की अध्यक्षता निगम के नगर आयुक्त अवधेश कुमार पांडेय ने की. बैठक में निगम क्षेत्र की अाधारभूत संरचना के लिए तकरीबन एक हजार करोड़ की योजना पर मंथन हुआ. जिसमें सिवरेज सिस्टम, ड्रेनेज सिस्टम, नया नगर भवन, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, जल स्रोत का विकास, सब्जी मंडी का रिनोवेशन सहित कई योजनाएं शामिल हैं. कई योजनाओं की रूप रेखा और पूर्व से बनी रिपोर्ट, पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विश्व बैंक की टीम को पूरी जानकारी दी गयी.
निगम क्षेत्र के विकास के लिए योजनाओं पर चर्चा : नगर आयुक्त ने बताया कि तकरीबन 7-8 योजनाओं पर विचार विमर्श हुआ. अन्य योजनाओं के अलावा जल स्रोत पर गंभीरता से चर्चा हुई जिसमें छत्तीसी, बत्तीसी सहित अन्य तालाबों का कैसे जीर्णोद्धार होगा, कैसे ये जलस्रोत पुनर्जीवित होंगे. उन्होंने बताया कि विश्व बैंक झारखंड सरकार के साथ काम करेगा. नगर विकास के लिए झारखंड सरकार ने विश्व बैंक से मदद मांगी है. इसी परिप्रेक्ष्य में हर नगर निगम में टीम पहुंच रही है. बैठक में उनके साथ हर्ष गोयल, देवघर निगम के अधीक्षण अभियंता रमेश मिश्रा, कार्यपालक अभियंता इंद्रेश शुक्ला, इंजीनियर वैदेहीशरण, समीर सिन्हा, मुकुल कुमार सहित कई अधिकारी शामिल थे. इस अवसर कुछ एजेंसी को भी डेमो के लिए बुलाया गया था.
बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए विश्व बैंक देगा फंड : स्नेहू वांग
देवघर. बैठक के बाद पत्रकारों से विश्व बैंक की को-अॉर्डिनेटर स्नेहू वांग ने कहा कि देवघर नगर निगम क्षेत्र में उनकी टीम पहली बार पहुंची है. वाशिंगटन डीसी से देवघर आयीं वांग ने कहा कि मूलत: विश्व बैंक झारखंड सरकार को नगर विकास योजना में आधारभूत संरचना के लिए फंड मुहैया करायेगा. इसी सिलसिले में टीम निगम क्षेत्र का भ्रमण कर रही है. देवघर में आधारभूत संरचना जैसे वाटर सप्लाई, ड्रेनेज, सिवरेज सिस्टम, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सहित अन्य योजनाओं पर विचार-विमर्श किया गया.
विश्व बैंक की टीम ने किया क्षेत्र भ्रमण
देवघर. सर्किट हाउस में आयोजित बैठक के बाद विश्व बैंक की टीम ने नगर निगम के अधिकारियों के साथ क्षेत्र भ्रमण किया. जिसके तहत कहां-कहां ड्रेनेज व सिवरेज सिस्टम होगा, कहां नगर भवन बनेगा, कहां सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का प्लांट लगेगा, जल स्रोत के विकास के लिए जो स्थल चयनित है, उन सभी साइट को देखा. अॉन द स्पॉट को-अॉर्डिनेटर स्नेहू वांग ने निगर आयुक्त से भौगोलिक जानकारी ली. टीम ने इस बात पर भी चर्चा किया कि जो भी प्रोजेक्ट लिये जा रहे हैं, वह कितना उपयोगी है.