बाबा बैद्यनाथ-बासुकिनाथ के लिए श्राइन बोर्ड के गठन के बाद मंदिर प्रबंधन बोर्ड का कोई औचित्य नहीं है. बोर्ड के गठन के बाद बाबा बैद्यनाथ मंदिर प्रबंधन बोर्ड देवघर को भंग करने के लिए झारखंड हाइकोर्ट में सीएमपी दाखिल किया गया है. जिसका ओथ संख्या 5391 दिनांक 26-2-16 है. यह जवाब सरकार ने जामताड़ा विधायक डाॅ इरफान अंसारी के सवाल पर दिया है.
ऐसे में श्राइन बोर्ड सुचारू रूप से काम नहीं करेगा तो मेला प्रभावित होगा. इसलिए एक प्रतिनिधि मंडल जल्द ही सरकार से मिल कर ज्ञापन सौंपेंगी. प्रेस कांफ्रेंस में वरिष्ठ कांग्रेसी दुर्लभ मिश्र ने कहा कि अध्यादेश के बाद श्राइन बोर्ड को मंदिर प्रबंधन का जिम्मा ले लेना चाहिए था. कमिश्नर सह सीइओ को चार्ज टेकओवर कर लेना चाहिए था. लेकिन, अभी तक ऐसा नहीं हुआ. प्रबंधन बोर्ड को तात्कालिक कारण से बनाया गया था. कानून बनने के बाद सरकार कोर्ट में अपील करने के बदले उन्हें सूचित करती. लेकिन, ऐसा नहीं किया गया. यह पूरी तरह कानून का अपमान है. इस मौके पर पूर्व सांसद फुरकान अंसारी, राकेश नरौने, गंगा राउत आदि उपस्थित थे.