देवघर: ऑन लाइन टैक्स जमा होने से सामने आयी परेशानियों को दूर करने के लिए देवघर के पंचायत प्रशिक्षण भवन में आयकर विभाग की ओर से कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में मुख्य अतिथि आयकर आयुक्त विनय कुमार करण ने बताया गया कि निजी संस्थान के मुकाबले सरकारी विभाग के डीडीओ ऑन लाइन टैक्स जमा करने में ज्यादा गलतियां करते हैं.
इसको दूर के लिए सभी डीडीओ को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. बावजूद इसके अगर गलतियां होती है तो आयकर विभाग के प्रोवीजन के अनुसार, प्रोपर टैक्स न जमा करने पर ड्रॉइंग एंड डिसवर्सिग ऑफिसर (डीडीओ) को प्रतिदिन 200 रुपये के हिसाब से लेट फाइन लगेगा. इसलिए सरकारी पदाधिकारी प्रोफेशनल टैक्स फाइल करने वालों की भी मदद लें. ताकि समस्या कम से कम हो. एक बार सही-सही टैक्स फाइल करने लगे तो समस्या दूर हो जायेगी.
संयुक्त रूप से किया उद्घाटन
इससे पूर्व कार्यशाला का विधिवत उद्घाटन आयकर आयुक्त, टीडीएस (पटना) विनय कुमार करण, देवघर डीसी राहुल पुरवार, संयुक्त आयकर आयुक्त, टीडीएस(पटना) एके सिंह व देवघर सीए एसोसिएशन के पदाधिकारी रितेश टिबड़ेवाल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. कार्यशाला में संयुक्त आयकर आयुक्त, टीडीएस (पटना) एके सिंह ने विषय प्रवेश कराया. उन्होंने कहा : डीडीओ ही सरकारी विभाग के टैक्स जमा करनेवाले मेन सोर्स होते हैं. जो सैलरी को डिडक्ट कर उसे आयकर विभाग को जमा करते हैं. इस दौरान मंच का संचालन सहायक आयुक्त टीडीएस (धनबाद) अखौरी प्रणय कुमार व सहायक आयुक्त टीडीएस (पटना) दलजीत सिंह ने किया. वहीं कार्यशाला के आयोजन में आइटीओ (देवघर) ओपी झा व उनकी पूरी टीम ने अहम भूमिका निभायी. साथ ही इस कार्यशाला में जिले के सभी सरकारी टैक्स डिडक्टर (डीडीओ), बैंक अधिकारी, एलआइसी कर्मी, चार्टर एकाउंटेंट, टैक्स प्रैक्टिशनर, चैंबर के अधिकारी, मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्य, बार एसोसिएशन के पदाधिकारी उपस्थित थे.
वर्कशॉप का ज्यादा से ज्यादा लाभ लेने का प्रयास करें : डीसी
विशिष्ट अतिथि डीसी श्री पुरवार ने कहा : आयकर व अन्य विभागों में थोड़ा कम्यूनिकेशन गैप रहता है. लोगों में इसके लिए जो भ्रांतियां रहती हैं. उसे दूर करने का यह बेहतर अवसर है. लंबे कार्यानुभव के बावजूद सरकारी पदाधिकारी टैक्स डिडक्ट करने व फाइल करने में गलतियां कर जाते हैं. इसके लिए अच्छी जानकारी जरूरी है. कोशिश यह होनी चाहिए कि वर्कशॉप में सीखने का प्रयास करें. भविष्य में मानसिक शांति न बिगड़े. इसके लिए अच्छे तरीके से सीखने व काम करने की कोशिश करें. आयकर विभाग को कभी इग्नोर न करें और न अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर ज्यादा निर्भर रहें. बेहतर जानकारी रखें. आपके काम आयेगी.
बिहार-झारखंड में मिसमैच का 10 हजार 668 केस
ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि झारखंड-बिहार से 10 हजार 668 केस सामने आये हैं. जो मिसमैच (गलत फाइलिंग व टेक्नीकल गड़बड़ी) हैं. इसमें सबसे ज्यादा मामले सरकारी विभागों के हैं. जो गलत टैक्स फाइल करने से आया है. उन्होंने कहा : विभाग पांच तरीकों से यथा एडवांस टैक्स, टीडीएस, सेल्फ एसेसमेंट, पोस्ट एसेसमेंट व पीपी टैक्स आदि मोड से टैक्स अजिर्त करती है जो सरकारी कोष में जमा होता है. हाल के दिनों में टैक्स देनेवाले लोगों में परेशानियां बढ़ी हैं. इसके पीछे ऑनलाइन रिटर्न व टैक्स जमा करने की प्रक्रिया शुरू होनी है.