देवघर: देवघर में तेजी से फैले जमीन के काराबोर का नतीजा यह भी हुआ कि बाबा मंदिर से सटे नाथबाड़ी की जमीन करोड़ों नहीं, बल्कि अरबों रुपये की हो गयी. देवघर अंचल स्थित चौक चांदनी मौजा में नाथबाड़ी की जमीन है. रोहिणी कठ्ठा के अनुसार नाथबाड़ी के अधीन लगभग दो एकड़ जमीन है. नाथबाड़ी की जमीन असर्वेक्षित एरिया में आता है. यह शुद्ध बसौड़ी जमीन है. एसपीटी एक्ट के अनुसार बसौड़ी जमीन उच्च स्तर की बेहतर जमीन होती है, यह शुद्ध बिक्री योग्य जमीन है. बाबा मंदिर से सटे होने के कारण शुद्ध बसौड़ी जमीन की खरीदारी करने में निवेशक कैसे पीछे हट सकते हैं, इसलिए धड़ल्ले से नाथबाड़ी की जमीन की रजिस्ट्री अलग-अलग पार्ट में हुई.
अधिग्रहण की घोषणा होते ही जमीन की रजिस्ट्री!
बाबा मंदिर प्रबंधन बोर्ड द्वारा नाथबाड़ी की जमीन अधिग्रहण करने की घोषणा करते ही इस जमीन की रजिस्ट्री भी देवघर रजिस्ट्री कार्यालय में शुरू हुई है. सूत्रों के अनुसार घोषणा के बाद भी नाथबाड़ी की जमीन की रजिस्ट्री अलग-अलग लोगों के नाम से हुई है, चूंकि प्रशासन ने अब तक नाथबाड़ी की जमीन की रजिस्ट्री पर रोक लगाने संबंधित कोई निर्देश जारी नहीं किया है. रजिस्ट्री कार्यालय के अनुसार नाथबाड़ी कहकर कोई जमीन का दस्तावेज नहीं है. इसलिए रजिस्ट्री भी संभव है.
दान की जमीन की कैसे हुई बिक्री बना रहस्य
बताया जाता है कि चौक चांदनी मौजा स्थित नाथबाड़ी की जमीन नाथ संप्रदाय को दान में दिया गया था. दान के बाद भी जमीन की बिक्री किसके अनुमति से हुई. इसमें धार्मिक न्यास की अनुमति या अंचल के प्रशासन की एनओसी चला. यह रहस्य बना हुआ है. प्रबंधन बोर्ड द्वारा अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने के बाद इससे परदा उठ सकता है.