कुछ जमीन अधिग्रहण का मामला तो विस्थापन-पुनर्वास के मुद्दे पर अटका है वहीं कुछ जमीन का अधिग्रहण प्रशासनिक व सरकार की इच्छा शक्ति में कमी के कारण पेंडिंग है. यहां एक और जो मुख्य कारण है जमीन अधिग्रहण में परेशानी का, वह है सरकारी पैकेज में पारदर्शिता का अभाव. कहीं न कहीं विस्थापितों में इसलिए भी आक्रोश है क्योंकि जमीन के एवज में पुनर्वास और पैकेज की सही जानकारी लोगों को नहीं दी जा रही है. इसके अलावा कई बड़े प्रोजेक्ट हैं जो फाइलों में ही दबी है. सबसे अधिक पेंडिंग योजनाएं देवघर जिले की है.
Advertisement
उदासीनता: ठहर गयी देवघर की बड़ी स्वीकृत योजनाएं
देवघर: देवघर जिले में कई बड़ी योजनाएं स्वीकृत तो हुई है लेकिन सरकारी इच्छाशक्ति के अभाव में सारी योजनाएं ठहर सी गयी है. यदि इन सभी योजनाओं पर काम समय पर शुरू हो गया होता तो आज देवघर का स्वरूप ही कुछ और होता. बड़ी योजनाएं जो स्वीकृत हैं, इनमें एयरपोर्ट, अल्ट्रा मेगा पावर प्लांट, […]
देवघर: देवघर जिले में कई बड़ी योजनाएं स्वीकृत तो हुई है लेकिन सरकारी इच्छाशक्ति के अभाव में सारी योजनाएं ठहर सी गयी है. यदि इन सभी योजनाओं पर काम समय पर शुरू हो गया होता तो आज देवघर का स्वरूप ही कुछ और होता. बड़ी योजनाएं जो स्वीकृत हैं, इनमें एयरपोर्ट, अल्ट्रा मेगा पावर प्लांट, फुड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री, इंटर स्टेट बस टर्मिनल शामिल हैं. जबकि अन्य योजनाएं जैसे अडाणी ग्रुप का प्लांट, एम्स की स्थापना आदि की योजनाएं भी पाइप लाइन में है. एम्स की स्थापना देवघर में हो, इसका प्रस्ताव भी राज्य सरकार ने केंद्र को भेज दिया है. वहीं अडाणी ग्रुप के अधिकारी लगातार जमीन के लिए देवघर आ रहे हैं.
जमीन अधिग्रहण में है पेच
सभी योजनाओं के लिए हजारों एकड़ जमीन की आवश्यकता है, लेकिन जमीन अधिग्रहण के पेच में योजनाएं धरातल पर नहीं उतर पा रही है. पुनर्वास पैकेज के संदर्भ में लोगों में कई भ्रांतियां हैं, इस कारण जगह-जगह विरोध हो रहा है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement