सोनारायठाढ़ी: प्रशासन व शिक्षा विभाग द्वारा हर स्कूलों में मध्याह्न् भोजन नियमित व गुणवत्ता युक्त भोजन देने का निर्देश दिया गया है. इसके बावजूद बच्चों को मिलने वाले भोजन के प्रति विद्यालय प्रबंधन व समिति गंभीर नहीं दिख रही है. मंगलवार को बच्चों के बीच मध्याह्न् भोजन परोसा जा रहा था. इसी बीच बच्चों के चावल में कीड़ा निकल गया जिससे गुस्साये छात्रों ने भोजन करने से मना कर दिया. दूसरे दिन इसकी जानकारी लेने के लिए जब सचिव विद्यालय पहुंचे तो पता चला कि विद्यालय के पारा शिक्षक इंद्रदेव यादव वहां नहीं हैं.
भोजन भी काफी देर से परोसा जा रहा था. भोजन दिये जाने के वक्त सचिव का मौजूद नहीं रहना बच्चों की सेहत के प्रति उनकी उदासीनता दिखा रहा था. मौजूद पारा शिक्षक सीताराम मांझी ने बताया कि चावल पुराना होने के कारण उसमें सूंडी (पुराने चावल में पाया जाने वाला कीड़ा) लग गया था. जिसे बच्चों ने कीड़ा कह कर हल्ला मचाना शुरू कर दिया. महिला रसोइया सिंधु देवी ने कहा कि लकड़ी से भोजन बनाना पड़ रहा है. जानकारी लेने के लिए सचिव का मोबाइल नंबर मांगने पर शिक्षक मांझी ने नंबर उपलब्ध नहीं होने की बात कही. अध्यक्ष से संपर्क करने पर उन्होंने शिक्षकों पर सही तरीके से कक्षा संचालन नहीं करने का आरोप लगाया.
मध्याह्न् भोजन के लिए चावल कहां से आता है इसका जवाब भी संतोषजनक नहीं मिल पाया. साथ ही अध्यक्ष ने मामले को मंगलवार को ही बैठक कर सुलझा लेने की बात कही. स्कूल में सरकारी शिक्षक की भी नियुक्ति नहीं है. बच्चों को भोजन भी खुले आसमान में परोसा जा रहा था. रसोई घर भी काफी गंदा व जजर्र था. इधर, बीपीओ रोशन कुमार ने मध्याह्न् भोजन में लापरवाही बरदाश्त नहीं किये जाने की बात कही. लेकिन आखिर बच्चों को क्यों परोसे जा रहे हैं कीड़ा वाला चावल . इस पर सभी मौन साध जाते हैं .
आपसी विवाद में बच्चों को हो रहा नुकसान : बताया जाता है कि स्कूल के सचिव सह पारा शिक्षक इंद्रदेव यादव व अन्य पारा शिक्षक सीताराम मांझी की आपस में नहीं बन रही. जिसका असर कक्षा संचालन व मध्याह्न् भोजन पर पड़ रहा है. बतौर रसोइया काम कर रही सिंधु देवी भी सचिव की निकटतम रिश्तेदार बतायी जाती हैं.