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कार्यशैली: 16 स्थानों में नहीं बना जल मीनार प्यासे रह गये 44 गांव के ग्रामीण !

देवघर: नगर निगम देवघर में शामिल 44 गांवों में जलापूर्ति सुनिश्चित करानेे के लिए योजना के तहत 16 स्थानों पर जल मीनार का निर्माण किया जाना था. एक जल मीनार के निर्माण की लागत 24 लाख रुपये से लेकर 33 लाख रुपये तक थी. योजना को धरातल पर उतारने के लिए वित्तीय वर्ष 2014-15 में […]

देवघर: नगर निगम देवघर में शामिल 44 गांवों में जलापूर्ति सुनिश्चित करानेे के लिए योजना के तहत 16 स्थानों पर जल मीनार का निर्माण किया जाना था. एक जल मीनार के निर्माण की लागत 24 लाख रुपये से लेकर 33 लाख रुपये तक थी. योजना को धरातल पर उतारने के लिए वित्तीय वर्ष 2014-15 में टेंडर किया गया.

जल मीनार निर्माण के लिए चार से छह माह का वक्त संवेदक को दिया गया था. लेकिन, टेंडर कार्य में लेट-लतीफी व प्रोपर मॉनिटरिंग नहीं होने की वजह से महीनों बाद भी योजना को पूरा नहीं किया जा सका. नतीजा गरमी तो गरमी अब ठंड के मौसम में भी लोगों को पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है.

आज भी नगर निगम में शामिल गांवों के लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. नगर निगम में शामिल गांवों में निर्बाध जलापूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए विभाग की योजना है. जहां कहीं काम हुआ भी है तो स्थानीय लोगों ने गुणवत्ता पर सवाल खड़ा कर दिया है. नगर निगम प्रशासन भी जनता की शिकायत को गंभीरता से नहीं ले रही है. इधर, सूत्रों की माने तो जल मीनार निर्माण कार्य को तय समय में पूरा तो नहीं किया जा सका है. अब निर्धारित टेंडर का स्टीमेट रिविजन की तैयारी में कुछ लोग जुट गये हैं. अगर ऐसा हुआ तो विभागीय टेंडर एवं संवेदक के कार्यशैली पर कई सवाल खड़ा होगा.
सीओ ने कहा
जल मीनार निर्माण कार्य के बारे में अभी पूरी जानकारी नहीं है. देवघर लौटने के बाद फाइल देख कर जानकारी दे सकते हैं.
– एके पांडेय, नगर आयुक्त, नगर निगम

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