देवघर: शहर में ट्रैफिक समस्या दिनों-दिन गहराता जा रहा है. मगर इससे निजात दिलाने को लेकर प्रशासनिक स्तर पर कोई पहल नहीं हो रही है. जबकि टावर चौक से लेकर शहीद आश्रम मोड़ तक आवागमन करने वाले लोगों को रोजाना इस समस्या से दो-चार होना पड़ता है. विशेषकर दिन के 10 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक शाम के पांच बजे से छह बजे तक स्कूल-कॉलेज आने-जाने वाले छात्र-छात्रओं व दफ्तर व निजी व्यवसाय के सिलसिले में सड़कों पर आवागमन करने वाले लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ती है.
सबसे ज्यादा समस्या अस्पताल मोड़ से लेकर राय कंपनी मोड़ के बीच लोगों को होती है. जब एक चार पहिया वाहन यदि कतार में आगे बढ़ गया तो पीछे चलने वाले दोपहिया वाहन व रिक्सा चालकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
वहीं मीना बाजार से होकर झौंसागढ़ी मुहल्ले की ओर जाने वाले लोगों को भी जाम से समस्या ङोलनी पड़ती है. प्राइवेट बस स्टैंड से निकल कर फब्बारा चौक होते हुए मंदिर मोड़ की ओर जाने वाली बस के चालक धीरे-धीरे आगे बढ़ते हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा सवारियों को बैठाया जा सके. ये बस चालक पीछे चलने वाले यात्रियों व अन्य वाहन चालकों को साइड नहीं देते. मगर उन्हें रोकने व टोकने के लिए कोई ट्रैफिक कर्मी पहल नहीं करते. इसके अलावा ट्रैफिक जवान सड़क किनारे खड़े हुए बस, ऑटो व मैजिक चालकों को हटाने की बजाय भय दिखाने का काम तो करते हैं. मगर असलियत में हटाने से बचना चाहते हैं.
देवघर ट्रैफिक जिला, मगर जवान की रहती है कमी : राज्य परिवहन विभाग ने शहरवासियों का ख्याल रखते हुए देवघर को ट्रैफिक जिला घोषित किया गया है. इस बाबत यहां सार्जेट मेजर, पुलिस इंस्पेक्टर, दो एसआइ, चार एएसआइ, कई हवलदार सहित तीन दर्जन से अधिक पुलिस कर्मियों (महिला व पुरूष) की प्रतिनियुक्ति की गयी है. मगर संसाधन व पुलिस कर्मियों के अभाव में यह आम समस्या बनती जा रही है. शहरवासी इससे निजात चाहते हैं. मगर लोगों को इस समस्या से कौन निजात दिलायेगा.