देवघर: रिमांड होम की तीन लड़कियां कुपोषण से पीड़ित हैं. सदर अस्पताल में तीन लड़कियों की जांच के आये मेडिकल रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. उनके शरीर में टाइफाइड के लक्षण व हिमोग्लोबिन काफी कम पाया गया है. अस्पताल की जांच रिपोर्ट के अनुसार, पिंकी कुमारी की 5.4, बबीता कुमारी की 6.2 व ममता कुमारी की हिमोग्लोबिन 8.0 ग्राम (तीनों लड़कियों के नाम काल्पनिक) पायी गयी है.
साथ ही तीनों टाइफाइड से पीड़ित हैं. रिपोर्ट के आधार पर डीएस डॉ सुरेश प्रसाद सिन्हा ने बताया कि तीन लड़कियां माल निट्रेशन (कुपोषण) से पीड़ित हैं. एक स्वस्थ लड़की की हिमोग्लोबिन 12 ग्राम से ज्यादा होनी चाहिए. वहीं शुद्ध पानी नहीं मिलने के कारण लड़कियां टाइफाइड की शिकार हुई हैं. उन्होंने कहा कि बुधवार को रिमांड होम से चार लड़कियों को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया था. तीन लड़कियों की बिलुरिन, टाइफाइड व हिमोग्लोबिन की जांच करायी गयी. वहीं चौथी लड़की की आंख से कम दिखाई देने की शिकायत थी. श्री सिन्हा ने कहा कि प्रथम दृष्टया देखने से ही लग रहा था कि कुपोषण से पीड़ित है. क्योंकि सिर बड़ा दिखना, हड्डी कमजोर होना, खून की कमी व आंख से कम दिखाई देना इसके लक्षण हैं.
शीघ्र इलाज की जरूरत : डीएस ने बताया कि चारों लड़कियों को देखने से लग रहा है कि पौष्टिक भोजन नहीं मिल रहा है, जिसके कारण वे एनेमिक के साथ-साथ कुपोषण की शिकार हो गयी है. फल, दूध, कैलशियम, आयरन की गोली व पौष्टिक आहार साग-सब्जी देने की जरूरत है. इनका शीघ्र इलाज जरूरी है, नहीं तो स्थिति गंभीर हो सकती है.
24 घंटे बाद भी नहीं लिया रिपोर्ट : 24 घंटे बीतने बाद भी रिमांड होम से कोई मेडिकल रिपोर्ट तक लेने नहीं पहुंचा और ना ही डीएस से संपर्क से करने की कोशिश की गयी. इससे रिमांड होम की लापरवाही का अंदाजा लगाया जा सकता है.
और भी हो सकते हैं पीड़ित : रिमांड होम की लड़कियों की मेडिकल जांच करायी, तो स्थिति और गंभीर निकल सकती है. एनेमिक व कुपोषण की शिकार लड़कियों की तादाद बढ़ सकती है. मेडिकल जांच रिपोर्ट शुक्रवार को मिलेगी.
प्रेमलता मुमरू, रिमांड होम प्रभारी, देवघर
वर्ष 2012 में ही चारों लड़की को पटना से भेजी गयी थी. वहां की सीडब्ल्यूसी ने रिपोर्ट दी थी कि चारों बीमार रहती हैं. लड़कियों को काफी कमजोरी लग रही थी. उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया था.
कविता झा, केयर पर्सन, सीडब्ल्यूसी