देवघर: गुरुचरण लकवा रोग से ग्रसित है. ठीक से वह खड़ा भी नहीं हो पाता है. उसके पूरे शरीर में थरथराहट है. इसके बावजूद लाठी के सहारे वह पिछले दो माह से सिविल सजर्न ऑफिस का चक्कर लगा रहा है. लेकिन उसकी अर्जी सुननेवाला कोई नहीं है. उसके इलाज के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलय से पांच वर्ष तक चलने वाली दवा का स्टीमेट मांगा गया है. इसके लिए गुरुचरण ने सीएस ऑफिस में आवेदन दिया है, लेकिन सीएस ऑफिस उसे दो माह से टहला रहा है.
गुरुचरण हर दो-तीन दिन में सीएस ऑफिस आता है. दिन भर भूखे-प्यासे सीएस ऑफिस के हर टेबुल तक जाता है और सबकी झिड़की सुन कर शाम को घर लौट जाता है. लाचार गुरूचरण सोमवार को भी आया था. उससे पूछने पर वह रो पड़ा. उसने बताया कि 25-30 साल से स्टेशन में घूम-घूम कर वह चाय बेचता था. उससे होने वाली कमाई से ही परिवार चलता था. परिवार में पत्नी सहित दो पुत्री व एक पुत्र है. इधर करीब ढ़ाई साल पहले उसे लकवा मार दिया.
इलाज में बिक गयी जमीन
उन्होंने अपनी बीमारी का प्राइवेट व सरकारी स्तर पर कई जगह इलाज कराया. फिर भी ठीक नहीं हुआ. इलाज कराने में एक कटहल पेड़ सहित एक जोड़ा बैल व चार कट्ठा जमीन भी बिक गया. फिलहाल पत्नी चौका-बरतन कर परिवार का भरण-पोषण कर रही है. इस बीच किसी की मदद से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलय में पत्रचार किया. वहां से पांच साल तक चलने वाली दवा का स्टीमेट मांगा गया है.
टहला रहा सीएस ऑफिस
पत्रकारों से गुरूचरण ने कहा कि स्टीमेट के लिए सभी कागजात के साथ करीब दो महीने पूर्व सीएस ऑफिस में आवेदन दिया है. इस अवधि में दर्जनों बार सीएस ऑफिस आया, लेकिन उस पर किसी का ध्यान नहीं है. वहां के कर्मियों का रवैया हमेशा टाल-मटोल का रहता है.